हजारीबाग में रामनवमी के दौरान लगाई गई पाबंदियों पर विरोध प्रदर्शन का मुद्दा झारखंड विधानसभा तक छाया रहा। जहां विधायक मनीष जयसवाल ने कार्यवाही के दौरान अपना कुर्ता फाड़ लिया। मनीष जयसवाल ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि, अगर हमारी बात नहीं सुनी जाती तो सदन में आने का क्या मतलब हुआ। क्या इस राज्य में हिंदू होना गुनाह है, क्या हम तालिबान में रह रहे है। बता दें की रामनवमी को लेकर हजारीबाग में प्रशासन ने कई सख्त प्रतिबंध लगाते हुए रामनवमी में डीजे बजाने पर रोक लगा दी है। इसी को लेकर मनीष जयसवाल ने विधानसभा में कहा कि, हम नियोजन को लेकर लंबे समय से विरोध कर रहे थे हमारी एक ही मांग थी कि मुख्यमंत्री आकर इसपर जवाब दें। हमने रामनवमी के दौरान हजारीबाग में लगाए गए प्रतिबंधों का मामला इस सदन में उठाया। करीब पांच हजार लोगों पर 107 लगाया गया है। डीजे वालों से साइन कराया जा रहा है कि वो कहीं भी डीजे ना लगाएं। मैं इस सदन में जानना चाहता हूं कि क्या इस देश में, इस राज्य में हिंदू होना कोई अपराध है। सदन की कार्यवाही चल रहा है, हम लोग लगातार अपनी बात रख रहे हैं इसके बावजूद भी हमें इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया जा रहा और ना ही कोई सुनवाई हो रही है, ऐसे में सदन में आने का क्या मतलब। क्या हम तालिबान में रहते हैं ।
धरने पर बैठे लोगों का क्या होगा?
विधायक ने यह भी पूछा कि क्या जिन पांच हजार लोगों पर 107 लगाया गया है क्या उसे वापस लेंगे, निर्दोष लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है वह वापस होगी, जो धरना पर बैठे हैं उन पर क्या होगा। डीजे क्यों नहीं बज सकता क्या इसके पीछे कोई जायज कारण है। सर्वोच्च न्यायालय भी कहता है कि यदि राज्य सरकार चाहे तो इसकी इजाजत दे सकती है। हजारीबाग की रामनवमी दुनिया भर में प्रचिलित है। डीसी कहती हैं डीजे पर प्रतिबंध रहेगा। मैं इन सवालों पर जवाब चाहता हूं। विधायक के बोलने के बाद सदन में इसको लेकर जोरदार हंगामा हुआ। जिसके दैरान विधायक मनीष जयसवाल ने अपना कुर्ता फाड़ लिया। हंगामा कम ना होते देख सदन की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।