नियोजन नीति के मुद्दे पर विपक्ष का जोरदार हंगामा, सीएम ने कहा जैसी करनी वैसी भरनी..

मंगलवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन नियोजन नीति को झारखंड हाईकोर्ट की ओर से खारिज किए जाने को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर बवाल काटा| सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायक हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इस नियोजन नीति को लेकर सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा|यही कारण है कि कोर्ट ने इसे खारिज किया। विपक्ष के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे जिसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी वेल में आकर विरोध जताया। सत्ता दल का कहना है कि हाईकोर्ट ने रघुवर सरकार के गलत निर्णय को रिजेक्ट किया है। मौजूदा सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ये फैसले पूर्व की रघुवर सरकार में लिए गए थे।

इतने में हंगामे करते हुए भाजपा विधायक रणधीर सिंह काफी जोर-जोर से बोलने लगे। उनके बोलने के तरीके स्पीकर रवींद्रनाथ महतो नाराज हो गए और कहा कि ऐसा होता है क्या। रणधीर सिंह ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि, ऐसा ही होता है। इस जवाब से नाराज स्पीकर ने रणधीर सिंह को सदन से बाहर जाने के लिए कहा। यहां तक कि स्पीकर ने मार्शल बुलाकर उन्हें सदन से बाहर भेजा।

भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने भी इस मुद्दे को लेकर कार्यस्थगन पर चर्चा की मांग की और सभी भाजपा विधायकों ने उनका साथ भी दिया|हाईकोर्ट के फैसले को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री के बयान की मांग की|लेकिन सदन में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री से जवाब दिलाने की बात कही, जिसके लिए भाजपा राजी नहीं हुई|

हंगामे के कारण स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका| सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मुख्यमंत्री सदन में आ चुके थे|उन्होंने अपने बयान में इस मुद्दे पर पिछली सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा- जैसी करनी वैसी भरनी| उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की गलतियों का खामियाजा उनकी सरकार भुगत रही है|

पिछली सरकार ने ऐसा कार्य किया जिसकी अनुमति संविधान नहीं देता|13 अनुसूचित जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी सरकारी पदों को स्थानीय लोगों के लिए सौ प्रतिशत आरक्षित कर दिया गया|जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया| उन्होंने कहा कि गलत किया तो भुगतना पड़ेगा|इस पर भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा किवर्तमान राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों के हित में बनायी गयी इस नीति के पक्ष में उच्च न्यायालय में उचित ढंग से सरकार का पक्ष नहीं रखा|

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार जानबूझ कर पिछली सरकार के विकास कार्यों एवं उसकी नियुक्तियों तथा नीतियों को ध्वस्त तथा रद्द करवा रही है| इससे आने वाले समय में वोअपने लोगों को वहां काम दिला सके| बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभाध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी|