झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर यूपीए विधायकों की बैठक बुधवार की देर शाम खत्म हो गयी. इस बैठक में विपक्ष की साजिश को करारा जवाब देने और वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई. बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारो से बात करते हुए झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि 17 नवंबर को लेकर इस बैठक में कोई रणनीति नहीं बनी है. ईडी के समक्ष पेश होने के मामले में मुख्यमंत्री को फैसला लेना है कि उन्हें जाना है या नहीं. वहीं, गुरुवार को एक बार फिर यूपीए विधायकों के सुबह 11 बजे एक साथ जुटने की बात कही.
कांग्रेस के निलंबित विधायकों को बैठक में नहीं बुलाया..
कांग्रेस के निलंबित 3 विधायकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया. इन तीन विधायकों के नाम इरफान अंसारी, राजेश कच्छप व नमन विक्सल कोंगाड़ी हैं. इन्हें कोलकाता में लाखों रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था. वहीं, व्यस्तता की वजह से वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक उमाशंकर अकेला, रामचंद्र सिंह, ममता देवी, शिल्पी नेहा तिर्की बैठक में उपस्थित नहीं हुईं. इन्होंने पहले ही सूचना दे दी थी कि वे बैठक में शामिल नहीं हो पायेंगे.
झारखंड में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी..
इससे पहले बदले राजनीतिक परिदृश्य के बीच दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल हो गये. इसके साथ ही प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी. बताया जा रहा है कि पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ईडी के कार्यालय में जाने से पहले की रणनीति तैयार करने के लिए ही मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायकों की बैठक बुलायी गयी थी. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ऐसी कोई रणनीति नहीं बनी.