खेल मंत्री किरेन रिजजू से मिला इंटरनेशनल फुटबॉलर संगीता को जल्द मदद का भरोसा..

देश का नाम रोशन हो, इसके लिए खिलाडी पूरे दम से मेहनत करते हैं। देश विदेश में अपनी मेहनत के दम पर पहचान भी हासिल करते हैं लेकिन अफसोस तब होता है जब देश की व्यवस्था उस खिलाडी के मेहनत, हिम्मत का सम्मान नहीं करती है। झारखंड की संगीता सोरेन की भी ऐसी ही कहानी है। जिसने देश विदेश में अपने राज्य का झंडा बुलंद किया, आज वही अपने परिवार का पेट पालने के लिए ईंट भट्टे पर मजदूरी कर रही है। नेशनल लेवल की प्लेयर अब भी मुफलिसी में जीने को मजबूर है।

इंटरनेशनल फुटबॉलर संगीता सोरेन और उनका परिवार मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर है। संगीता के पिता दूबे सोरेन नेत्रहीन होने की वजह से कोई काम करने में असमर्थ हैं। जबकि उनका भाई दिहाड़ी मजदूर है। भाई की आमदनी किसी दिन होती है और किसी दिन नहीं। ऐसे में परिवार का पेट पालने के लिए संगीता को ईंट भट्टे में काम करना पड़ रहा है।

वहीं अब धनबाद की संगीता सोरेन की आर्थिक बदहाली की खबर मीडिया में आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा द्वारा नोटिस लेने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजजू भी मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने खेल मंत्रालय के अधिकारियों को मदद करने के लिए निर्देश दिया है। इसके बाद रिजजू के मंत्रालय के अधिकारियों ने संगीता से मोबाइल पर संपर्क साधा।

जल्द मदद का भरोसा..
केंद्रीय खेल मंत्री रिजजू ने ट्वीट कर कहा है-फुटबॉलर संगीता सोरेन के बारे में सूचित किया गया है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, और इस महामारी में वित्तीय संकट में है। मेरे कार्यालय ने उनसे संपर्क किया है और जल्द ही वित्तीय मदद दी जाएगी। एथलीटों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।

दूसरी तरफ धनबाद के डीसी उमाशंकर सोरेन के निर्देश पर रविवार को बाघमारा के बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति व सीओ केके सिंह ने रेंगुनी पंचायत के बांसमुड़ी गांव में जाकर संगीता सोरेन से मुलाकात की।

डीसी के आदेश पर संगीता के घर पहुंचे सीओ-बीडीओ..
डीसी के आदेश पर बाघमारा के बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति व अंचलाधिकारी केके सिंह ने आज रेंगुनी पंचायत के बांसमुड़ी गांव में अंतरराष्ट्रीय फूटबॉलर संगीता कुमारी के घर पहूंचे। बीपीओ लक्ष्मी प्रसाद सिन्हा भी साथ में थे। अधिकारी संगीता से उसके घर की स्थिति से अवगत हुए। खेल व शिक्षा से संबंधित जानकारियां भी हासिल की। अधिकारियों ने संगीता को आर्थिक सहयोग किया व खाद्य सामग्री दिया। संगीता ने दोनों अधिकारियों से उसे सरकारी नौकरी दिलाने की गुहार लगाई। संगीता ने कहा कि उसे अगर सरकारी नौकरी मिल जाय तो घर का खर्चा भी चलेगा और उसका खेल भी जारी रहेगा। बीडीडी सुनील कुमार प्रजापति ने कहा कि डीसी के आदेश पर संगीता के घर आये हैं। बीडीओ ने कहा कि संगीता से संबंधित जानकारियों की रिपोर्ट डीसी को सौंपेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×