रांची: फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी है, जो अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। इसे रोकने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी यह चिकित्सकों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बीमारी का मुख्य कारण लोगों की खान-पान और जीवनशैली से जुड़ा हुआ है।
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3 अप्रैल से शुरू होगा विशेष अभियान
रांची में तेजी से बढ़ रही फैटी लिवर की समस्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद संजय सेठ के प्रयास से विशेष अभियान की शुरुआत की जा रही है। यह अभियान आईएलबीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज) और सदर अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में संचालित होगा। इस अभियान की शुरुआत 3 अप्रैल को रांची के सदर अस्पताल से की जाएगी।
इस अभियान के तहत, विश्व प्रसिद्ध लीवर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एसके शरीन के नेतृत्व में एक चिकित्सकों की टीम बनाई गई है, जो मोबाइल वैन आधारित स्क्रीनिंग प्रोग्राम के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फैटी लिवर की जांच करेगी। इस कार्यक्रम में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वयस्कों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
फैटी लिवर मुक्त रांची बनाने की प्रतिबद्धता
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए चार मोबाइल वैन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन वैन में अत्याधुनिक जांच मशीनें लगाई जाएंगी, जिनकी कुल लागत लगभग चार करोड़ रुपये होगी। उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, फैटी लिवर की जांच के बाद चिकित्सकों द्वारा मरीजों को मुफ्त परामर्श भी दिया जाएगा। इस बीमारी को गंभीर मानते हुए संजय सेठ ने कहा कि फैटी लिवर अब महामारी का रूप ले चुका है और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि रांची लोकसभा क्षेत्र पूरे देश के लिए एक मॉडल बने।
प्रधानमंत्री के ‘स्वस्थ भारत’ मिशन को मिलेगा बढ़ावा
संजय सेठ ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वस्थ भारत’ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि फैटी लिवर आज सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। रांची में मुफ्त स्क्रीनिंग अभियान चलाने का निर्णय इसी उद्देश्य से लिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को समय पर जांच और सही मार्गदर्शन मिल सके।
यह अभियान न केवल रांची बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित हो सकता है, जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक बनें और फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव कर सकें।