केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज रांची में 18वें दिव्य कला मेले का उद्घाटन किया. यह अनूठा 11 दिवसीय कार्यक्रम 29 अगस्त से 8 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा और इसमें पूरे भारत से दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों की असाधारण प्रतिभा और उद्यमशीलता को प्रदर्शित किया जाएगा.
दिव्य कला मेले की विशेषताएं:
मेले में देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक दिव्यांग कारीगर, कलाकार और उद्यमी अपने विविध प्रकार के उत्पादों और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करेंगे. इसमें जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और कई अन्य क्षेत्रों से आने वाले दिव्यांग कारीगरों के उत्पाद जैसे हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम, पर्यावरण के अनुकूल वस्तुएं, और स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होंगे. मेले में विभिन्न राज्यों के दिव्यांग शिल्पकारों और दस्तकारों के उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जाएगी. साथ ही, प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें संगीत, नृत्य और नाटक का प्रदर्शन होगा. यह मेला ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा देने का एक आदर्श उदाहरण होगा, जिसमें स्थानीय रूप से निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को देखने और खरीदने का अवसर मिलेगा.
कार्यक्रम की महत्ता:
दिव्य कला मेला का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीइपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जा रहा है. यह मेला न केवल भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाएगा, बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों के आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगा.
मेले की पृष्ठभूमि और उद्देश्य:
दिव्य कला मेला का रांची संस्करण 2022 में शुरू हुई इस श्रृंखला का 18वां मेला है. इसके पिछले संस्करण दिल्ली, मुंबई, भोपाल, गुवाहाटी और अन्य प्रमुख शहरों में आयोजित किये जा चुके हैं. इस मेले का उद्देश्य दिव्यांगजनों की सशक्तिकरण प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना और उनकी कलात्मक और उद्यमशीलता क्षमताओं को बढ़ावा देना है.
मुफ्त प्रवेश और आयोजन स्थल:
मेले का आयोजन रांची के हरमू मैदान में किया जा रहा है, जहां 29 अगस्त से 8 सितंबर 2024 तक प्रातः 11 से रात्रि 9 बजे तक निःशुल्क प्रवेश रहेगा. दर्शकों को यहाँ दिव्यांग कलाकारों के शिल्प कौशल, उत्पादों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा.