केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश के चार राज्यों—झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़—को कवर करने वाली तीन प्रमुख रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की जानकारी दी. इन परियोजनाओं के लिए लगभग 6,456 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इन परियोजनाओं में नयी रेल लाइनें बिछाने के साथ-साथ मल्टी ट्रैकिंग की भी योजना है, जो इन राज्यों की यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी.
कैबिनेट की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के दौरान झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लिए तीन नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये तीनों परियोजनाएं रेल नेटवर्क के विस्तार और सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. इनसे न केवल चार राज्यों के लोगों को बेहतर रेल सेवाएं मिलेंगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और आर्थिक समृद्धि को भी गति मिलेगी.
तीन रेल परियोजनाओं पर कुल लागत
इन रेल परियोजनाओं की कुल लागत 6,456 करोड़ रुपये होगी. इसमें से जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल रेल लाइन पर लगभग 2,170 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सरडेगा-भालुमुंडा नई रेल लाइन के लिए 1,360 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इसके अलावा, ओडिशा की बरगढ़ रोड-नावापाड़ा रोड नई रेल लाइन के लिए 2,926 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
क्या हैं तीनों रेल परियोजनाओं के मुख्य बिंदु?
- जमशेदपुर-पुरुलिया-आसनसोल रेल लाइन: यह परियोजना झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ते हुए 121 किलोमीटर लंबी रेल लाइन तैयार करेगी.इस परियोजना पर 2,170 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. यह लाइन झारखंड के जमशेदपुर, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और आसनसोल को एक नई रेल मार्ग से जोड़ेगी, जिससे इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रा का समय कम होगा.
- सरडेगा-भालुमुंडा नई रेल लाइन: ओडिशा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली इस परियोजना के तहत 37 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाई जाएगी.इस परियोजना के लिए 1,360 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यह रेल मार्ग न केवल दोनों राज्यों के बीच यातायात की सुविधा को बढ़ाएगा, बल्कि औद्योगिक विकास और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा.
- बरगढ़रोड-नावापाड़ा रोड नई रेल लाइन: ओडिशा की इस परियोजना में 138 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिस पर 2,926 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह परियोजना राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और व्यापारिक गतिविधियों को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी.
चार राज्यों के सात जिलों को होगा लाभ
इन तीनों रेल परियोजनाओं से झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुल सात जिलों को सीधा लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत यातायात व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. इससे इन राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.
क्या है सरकार का उद्देश्य?
सरकार का उद्देश्य इन रेल परियोजनाओं के माध्यम से यातायात व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन को भी बढ़ावा देना है. इन रेल परियोजनाओं के शुरू होने से चार राज्यों के विभिन्न हिस्सों में यात्रा आसान होगी, जिससे लोग और व्यापार दोनों के लिए बेहतर संभावनाएं उपलब्ध होंगी.
परियोजनाओं के पूरा होने की समय सीमा
इन परियोजनाओं की समय सीमा के बारे में अभी कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ये सभी परियोजनाएं निर्धारित समय के भीतर पूरी कर ली जाएंगी. रेल मंत्रालय इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है ताकि जनता को जल्द से जल्द इन परियोजनाओं का लाभ मिल सके.