झारखंड में बनने जा रहा है दो इकोनॉमिक ग्रीन कॉरिडोर,जिसमें ये होगा खास..

झारखंड में दो इकोनॉमिक ग्रीन कॉरिडोर बनने जा रहे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को झारखंड में दो इकोनॉमिक ग्रीन कॉरिडोर बनाने की स्वीकृति दे दी गई है। 15 दिन पहले मिली स्वीकृति के बाद अब रांची से संबलपुर तक और धनबाद से रायपुर तक भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे बनने का रास्ता साफ हो गया है।

ये दोनों एक्सप्रेस-वे देश में अबतक के बाकी एक्सप्रेस-वे से अलग होंगे। इन पर जानवरोें के लिए अलग से ओवरपास बनेंगे। इस ओवरपास से जानवर जंगल से सुरक्षित आ-जा सकेंगे। इसके साथ ही दोनों एक्सप्रेस-वे के किनारे किनारे 8 फुट ऊंची गार्ड वॉल रहेगी ताकि मार्ग पर कोई दुर्घटना न हो।

आपको बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर भी ऐसे ओवरपास व गार्ड वॉल बन रहे हैं। 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में झारखंड के कॉरिडोर अगर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से पहले बन जाते हैं तो ये देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर गार्ड वॉल व जानवरों के लिए ओवरपास रहेंगे। इन दो कॉरीडोर का चयन पिछले साल अक्टूबर में ही हुआ था। दोनों एक्सप्रेस-वे मुंबई-हावड़ा हाईवे से मिलेंगे। वहीं इसके बनने से कोलकाता की दूरी लगभग 130 किमी घट जाएगी।

ये हैं फायदे
इन दोनों कॉरीडोर के बनने से कई फायदे होंगे। भारी वाहन शहरों से बाहर ही बाहर निकल जाएंगे जिससे कि जाम से छुटकारा मिलेगा। वहीं व्यावसायिक वाहन भी अपने-अपने गंतव्य तक जल्दी से जल्दी पहुंचेंगे। दूसरी तरफ गार्डवॉल बनने से दुर्घटनाएं कम होंगी। बुनियादी ढांचे में निवेश से अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी होगी। झारखंड और संबंधित राज्यों में बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके बढ़ेंगे।

डीपीआर है तैयार
इस दिशा में भू अर्जन विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण और अवार्ड की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है साथ ही डीपीआर भी बनकर तैयार हो चुका है। वहीं फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है। फोरलेन और सिक्स लेन वाले इन कॉरिडोर्स की चौड़ाई 60 मीटर होगी।

पर्यटन स्थल भी होंगे विकसित
नेशनल हाईवे झारखंड के चीफ जीएम, शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि इससे देश के उद्योग-धंधों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। आयात-निर्यात भी बढ़ेगा। साथ ही आसपास के पर्यटन स्थलों को विकसित करने की भी योजना है। इसके लिए बाईपास सड़कों का जाल बिछेगा।

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