9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. झारखंड आदिवासियों का राज्य है, इसलिए आज का दिन झारखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसी क्रम में राज की राजधानी रांची में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव की शुरुआत हुई. इस महोत्सव में देश-विदेश के कलाकारों और विद्वान पहुंचे और अपनी कला का प्रतिभा दिखाया. महोत्सव का उद्घाटन झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्वलित कर किया. सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज बिखरा हुआ है. हमारा खून एक है हमारा समाज एक है तो सब लोगों को एकजुट हो जाना चाहिए. बता दें कि विश्व आदिवासी दिवस के लिए जांच में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव का आयोजन किया गया है.
शिबू सोरेन ने किया उद्घाटन..
दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव का झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने उद्घाटन किया. आदिवासी दिवस पर पहली बार आयोजित हो रहे झारखंड जनजातीय महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन ने दीप प्रज्वलित कर किया. ऐतिहासिक मोराबादी मैदान में आयोजित दो दिवसीय महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मंत्री चंपई सोरेन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे सहित कई गणमान्य शामिल हुए.
मैं आदिवासी हूं और यही मेरी पहचान है- हेमंत सोरेन..
इस अवसर पर जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि या मेरी सच्चाई है कि मैं आदिवासी हूं और यही मेरी पहचान है यही मेरा वजूद है .आज यह बात अपने समाज की पंचायत के सामने रख रहा हूं झारखंड ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा जनजाति के लोग रहते हैं और आजादी की लड़ाई में समाज का बहुत योगदान रहा है. झारखंड बंटवारे के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. मैं पूरे देश से आए सभी लोगों को हार्दिक अभिनंदन करता हूं.
मिलेगी आदिवासी जीवन की झलकियां..
दो दिवसीय महोत्सव में देश-विदेश के कलाकार और विद्वान हिस्सा ले रहे हैं. जो ट्राईबल हिस्ट्री पर विचार रखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा जनजातीय महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन में देश के विभिन्न खोने से विद्वान संगीतकार नृत्य मंडली रॉक बैंड समेत अनेक आदिवासी कलाकार प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. आज के इतिहास में पहली बार समृद्ध आदिवासी जीवन की झलकियां देखने को मिलेगी.