बेड़ो में झारखंड आंदोलनकारियों का मशाल जुलूस, 11 सितंबर को झारखंड बंद की घोषणा…..

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा बेड़ो की ओर से मंगलवार को झारखंड राज्य के आंदोलनकारियों ने मशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस के जरिए आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया. मोर्चा ने 11 सितंबर यानि आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक झारखंड बंद का आह्वान किया है. हालाँकि, बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं को इससे मुक्त रखा जाएगा, जिनमें किसान द्वारा उत्पादित सब्जी की मंडी, दूध और चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं.

मांगों को लेकर आंदोलन जारी रहेगा

मशाल जुलूस के दौरान मोर्चा के अध्यक्ष जुगेश उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माता और झारखंड आंदोलनकारियों की मांगों को जब तक सरकार संज्ञान में नहीं लेती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारियों के हक और अधिकार की लड़ाई किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगी. मोर्चा के एक अन्य सदस्य शिशिर लकड़ा ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर समुचित कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. वहीं, धनंजय कुमार राय ने कहा कि मोर्चा की मांगों को लेकर बेड़ो बंद रहेगा. राय ने चेतावनी दी कि यदि इस बंदी से भी सरकार की आंखें नहीं खुलती हैं, तो अनिश्चितकालीन बंदी की जाएगी.

आंदोलनकारियों की मांगें और आगे की योजना

आंदोलनकारियों का कहना है कि झारखंड के आंदोलनकारियों के साथ सरकार द्वारा किए गए वादों का अभी तक पालन नहीं हुआ है. मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे. आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी मांगें झारखंड के निर्माण और झारखंड आंदोलन के समय किए गए वादों से जुड़ी हैं, जिन्हें पूरा करने में सरकार नाकाम रही है. उनका आरोप है कि सरकार ने आंदोलनकारियों की उपेक्षा की है और उनके अधिकारों को नजरअंदाज किया है.

आंदोलनकारियों की चेतावनी

आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक नाकेबंदी कर सकते हैं. इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बाधित किया जा सकता है, जिससे सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. मोर्चा के सदस्यों ने इस मौके पर कहा कि वे आंदोलन को व्यापक रूप से फैलाने की योजना बना रहे हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे और राज्यभर में इसे फैलाएंगे.

प्रमुख सदस्य और समर्थन

मशाल जुलूस और बंदी की घोषणा के मौके पर मोर्चा के प्रमुख सदस्य जैसे पीटर तिर्की, कुंवर मिंज, सतबीर लाल खन्ना, साबिर अंसारी, नीली लकड़ा, सुकी उराइन, भुवनेश्वर साहू, दिनेश ठाकुर, बिरसा उरांव, सुका भगत, जॉन लकड़ा, जतरू उरांव, विष्णु भगत, दुर्गा उरांव, गणेश भगत, सामुएल केरकेट्टा, राजमोहन भगत, शनि भगत, अरविंद तिग्गा, आशा तिग्गा, प्रभात टोप्पो, लोथिया लकड़ा, जुवेल तिग्गा, लेदा उरांव, एतवा उरांव, राहुल लकड़ा, बैजनाथ उरांव, और नंदकिशोर मुंडा सहित अन्य आंदोलनकारी मौजूद थे. आंदोलनकारियों का कहना है कि वे सरकार की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और झारखंड के हक और अधिकार के लिए संघर्ष करते रहेंगे. आंदोलनकारियों ने जनता से अपील की है कि वे इस बंदी का समर्थन करें और उनके साथ खड़े रहें ताकि सरकार को मजबूर किया जा सके कि वे उनकी मांगों को मानें.

आंदोलन की अगली कड़ी

आंदोलनकारियों की ओर से कहा गया कि यदि 11 सितंबर के बंद के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे अनिश्चितकालीन बंदी की योजना बनाएंगे. आंदोलनकारियों का कहना है कि वे किसी भी स्थिति में अपने हक और अधिकार की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे. इस आंदोलन के दौरान झारखंड राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंदोलनकारी सक्रिय हो रहे हैं और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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