हजारीबाग के नगवां में टोल टैक्स वसूली शुरू, अब रांची -पटना रोड पर सफर हुआ महंगा..

हजारीबाग के नगवां हवाई पट्टी के पास एनएचएआई (NHAI- National Highway Authority OF India) का टोल नाका बुधवार से शुरू हो गया है | आपको बता दें कि रांची-पटना रोड पर यह दूसरा टोल गेट है | वहीं ,अब रांची से बरही या उसके आगे जाने वाली गाड़ियों के लिए सफर और भी महंगा हो गया है | दरअसल ,पिछले करीब एक महीने से स्थानीय लोगों के आंदोलन की वजह से इस टोल गेट पर टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही थी | लेकिन, अब इस टोल गेट के 20 किलोमीटर के दायरे में रहनेवाले लोग आधार कार्ड या आवासीय प्रमाण पत्र दिखाकर टोल टैक्स से छूट हासिल कर सकते हैं |

बुधवार को टोल गेट का उदघाटन हजारीबाग के पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने नारियल तोड़ कर किया था | मौके पर बीजेपी से बटेश्वर प्रसाद मेहता, आर के मेहता, कांग्रेस से डॉ0 आर सी प्रसाद,ओम प्रकाश मेहता, गौतम कुमार, पत्रकार सह नगवां टोल टैक्स सर्वदलीय संघर्ष समिति के संरक्षक उमेश कुमार समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे | जानकारी के अनुसार ,कृषि मंत्री बादल पत्रलेख बीमार होने की वजह से आज के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे | इस कार्यक्रम में मंत्री सत्यानन्द भोक्ता समेत हजारीबाग व रामगढ़ के सभी विधायकों को इसमें शामिल होना था, लेकिन इनमें से कोई भी नहीं पहुँच पायें |

दरअसल , आज लंबे संघर्ष के बाद हजारीबाग के स्थानीय लोगों की मांगों पर सहमति बनने के बाद नगवां टोल टैक्स नाका की शुरुआत हो पायी है | वहीं ,आदर्श युवा संघटन टोल टैक्स समिति के अध्यक्ष गौतम कुमार ने कहा है कि स्थानीय लोगों ने लड़कर अपना हक लिया है | साथ ही ,पत्रकार उमेश प्रताप भी लगातार इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं | इस आंदोलन से जुड़े डॉ आर सी प्रसाद मेहता ने कहा है कि जो बात हुई है, उससे सभी को फायदा होगा | आपको बता दें कि बीजेपी नेता बटेश्वर प्रसाद मेहता और आर के मेहता ने बताया कि आंदोलन में सभी का सहयोग रहा और अगर एनएचएआई अगर समझौते का पालन नहीं करते हैं तो आंदोलन का रास्ता खुला है | वहीं ,पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि जो मुद्दा था , उसपर सहमति बनी है इस वजह से आज टोल टैक्स को चालू किया गया है ,लेकिन अगर समस्याएं आती हैं तो फिर से आंदोलन को बाध्य होंगे |इस सन्दर्भ में टोल टैक्स नगवां के ऑपरेशन इंचार्ज उदय शिंदे ने कहा कि संघर्ष कमिटी बनी थी और रांची में बैठक कर आपसी सहमति से स्थानीय लोगों की मांगों पर गतिरोध को दूर किया गया है |