झारखंड के बोकारो जिले में एफसीआई की लापरवाही का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि पलामू और चतरा जिले में भी एफसीआई की लापरवाही से खुले आसमां में रखा हजारों बोरा धान भींग रहा है।
पलामू जिले में जहां भारतीय खाद्य निगम लक्ष्य के मुताबिक किसानों से धान क्रय नहीं कर सका, वहीं दूसरी ओर ये मामला सामने आया है कि किसानों से खरीदे गये 40 हजार बोरा धान का भी एफसीआई ने ठीक तरीके से रख-रखाव तक नहीं किया। यही वजह है कि किसानों से धान क्रय करने के बाद उसे खुले आसमान के नीचे रखा। इस दौरान जब चक्रवाती तूफान यास के असर के कारण बारिश हुई तो हजारों बोरा धान भींग गया। एफसीआई की लापरवाही का ये मामला पलामू जिले के सतबरवा का है।
बताया जा रहा है कि पलामू जिले के सतबरवा के प्राथमिक शिक्षक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय के खुले मैदान में बीते एक माह से अधिक समय से धान पड़ा हुआ था। चक्रवाती तूफान यास के कारण बुधवार से लगातार बारिश हो रही थी। इस बारिश में भींग कर धान बर्बाद हो रहा है। यह स्थिति भारतीय खाद्य निगम की कार्यशैली को बताने के लिए काफी है। मालूम हो कि सतबरवा के प्राथमिक शिक्षक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय का छात्रावास भवन को कई वर्षों से धान क्रय केंद्र बनाया गया है, मगर छात्रावास भवन में धान भर जाने के बाद किसानों से खरीदे गये लगभग चालीस हजार बोरा धान को छात्रावास के खाली मैदान में रख दिया गया लेकिन खरीद के लगभग एक महीने बीत जाने के बाद भी उठाव नहीं हो सका।
वहीं चतरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जिले के मयूरहंड़ प्रखंड कार्यालय स्थित लैंपस गोदाम के एफसीआई धान अधिप्राप्ति केंद्र के बाहर रखा लगभाग 2000 बोरा धान चक्रवाती तूफान यास की बारिश में भींगने के बाद सड़ कर बर्बाद हो रहा है। धान के अंकुर बोरा के बाहर निकल आये हैं। इसके बावजूद धान उठाव को लेकर एफसीआई के अधिकारी व कर्मचारी बेफिक्र हैं।