रांची : झारखंड में लोगों की जरूरत को देखते हुए ज्यादा आबादी वाली पंचायत में एक से अधिक बैंकिंग सखी को जिम्मेदारी दी जाएगी। अभी झारखंड में 4003 बैंकिंग सखी कार्यरत है। अप्रैल में इनके द्वारा करीब 121 करोड़ रूपये का लेन देन हुआ है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगाया गया था और लोग घरों में कैद थे। तब बैंकिंग सखी ने ग्राहकों को वित्तीय सेवा उपलब्ध कराई। इनके बेहतर कार्य को देखते हुए अब इसे विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है।
एक तरफ ना केवल महिलाओं को इससे रोजगार मिल रहा है बल्कि सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोगों को बैंकों का चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिल रही है। ग्रामीण विकास में बैंकिंग सखी की भूमिका अहम रही है। रांची जिले में हर महीने औसतन 10 से 12 करोड़ के बीच कैश ट्रांजैक्शन हो रहा है। इन के माध्यम से जरूरतमंद को घर बैठे खातों से नगद निकासी, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, मनरेगा मजदूरी के साथ ही अन्य केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है। बता दें कि झारखंड में ग्रामीण विकास विभाग के तहत जेएसएलपीएस कार्यरत हैं और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसी के तहत बैंकिंग सखी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों को घर बैठे वित्तीय लेन-देन की सुविधा उपलब्ध करा रही है। बता दें कि बैंकिंग सखी योजना के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आत्म निर्भर और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इसे लागू किया गया। इस योजना के द्वारा बैंकिंग सखी द्वारा ग्रामीण लोगों को घर ला कर पैसा दे दिया जाएगा। ग्रामीण महिलाओं द्वारा घर- घर जाकर पैसे का लेनदेन किया जाता है। इससे लोगों को बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ते और उन्हें घर पर रहकर ही वित्तीय सेवा मिलती है।