मौर्य एक्सप्रेस के एसी कोच में सांप दिखने से मची अफरातफरी, 45 मिनट धनबाद स्टेशन पर रुकी ट्रेन….

बुधवार रात को संबलपुर से गोरखपुर जा रही मौर्य एक्सप्रेस में एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब ट्रेन के थर्ड एसी कोच (बी-5) में एक सांप दिखाई देने से यात्रियों में अफरातफरी मच गई. इस घटना ने यात्रियों को इतना भयभीत कर दिया कि ट्रेन के धनबाद स्टेशन पर पहुंचने पर उन्होंने ट्रेन को खुलने नहीं दिया और लगभग 45 मिनट तक स्टेशन पर ही गाड़ी खड़ी रही.

सांप दिखने के बाद यात्रियों में मची भगदड़:

घटना के समय, बी-5 कोच के यात्रियों ने अचानक कोच में सांप देखने की सूचना दी. सांप को देखकर यात्री इतने घबरा गए कि वे अपने सामान को छोड़कर दौड़ते-भागते ट्रेन से उतर गए. धनबाद स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी, तो यात्रियों ने ट्रेन को खुलने से रोक दिया और रेलवे से मांग की कि कोच से सांप को निकाला जाए, उसके बाद ही वे ट्रेन में वापस सवार होंगे. इस बीच, स्थिति को समझते हुए, स्टेशन पर मौजूद रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों ने यात्रियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी यात्री सांप के कोच से निकाले बिना ट्रेन में चढ़ने को तैयार नहीं था.

आरपीएफ की टीम ने किया जांच, सांप नहीं मिला:

मामले की जानकारी मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम तुरंत बी-5 कोच में पहुंची और सांप की खोजबीन शुरू की. हालांकि, काफी प्रयास करने के बाद भी आरपीएफ की टीम को सांप नहीं मिला. इसके बाद भी, यात्रियों का डर कम नहीं हुआ और उन्होंने ट्रेन में चढ़ने से इंकार कर दिया.

स्नेक सेवर को बुलाया गया:

हालात को देखते हुए, रेलवे ने भूली के प्रसिद्ध स्नेक सेवर बजरंगी यादव को बुलाया. बजरंगी यादव अपने दो सहयोगियों विशाल यादव और प्रदीप दास के साथ धनबाद स्टेशन पहुंचे. उन्हें सांप को पकड़ने के लिए धनबाद से चित्तरंजन तक ट्रेन में भेजा गया. स्नेक सेवर की टीम ने पूरी यात्रा के दौरान बी-5 कोच में सांप को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें कोई सांप नहीं मिला.

यात्रियों की सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्था:

इस दौरान, कोच के सभी यात्री जागते रहे और उन्होंने स्नेक सेवर की टीम के प्रयासों का इंतजार किया. चित्तरंजन स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी, स्नेक सेवर की टीम ने कोच का पूरा निरीक्षण किया, लेकिन सांप का कोई अता-पता नहीं चला. अंततः, बजरंगी यादव और उनकी टीम को ट्रेन से उतरना पड़ा. बजरंगी यादव ने बताया कि रेलवे ने उन्हें धनबाद से चित्तरंजन तक सांप को पकड़ने के लिए भेजा था, लेकिन उन्होंने काफी कोशिशों के बावजूद सांप को नहीं ढूंढ पाए.

घटना के बाद की स्थिति:

सांप के कोच में होने की खबर से यात्रियों में उत्पन्न भय ने इस घटना को खास बना दिया. हालाँकि, रेलवे ने इस स्थिति को संभालने के लिए हर संभव प्रयास किया और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्नेक सेवर की मदद ली. घटना के बाद, जब यह स्पष्ट हो गया कि कोच में सांप नहीं है, तब जाकर यात्रियों ने राहत की सांस ली और ट्रेन फिर से अपनी यात्रा पर आगे बढ़ी.

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