पूर्वी सिंहभूम, झारखंड | 7 जुलाई 2025 | झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड में गोबरघुसी पंचायत के ग्रामीणों ने सामूहिक एकता की मिसाल पेश की है। जब सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनकी वर्षों पुरानी मांग पर ध्यान नहीं दिया, तब उन्होंने खुद लकड़ी और बांस से पुल तैयार कर लिया।
बरसात में टूट जाता था संपर्क
पटमदा के बाटालुका और आमदापाहाड़ी गांव के बीच बरसात के चार महीने तक संपर्क पूरी तरह कट जाता था।
- इस दौरान गांवों के स्कूली बच्चों, शिक्षकों और मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
- स्थानीय विधायक और प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीणों ने खुद संभाली कमान
आखिरकार गांव वालों ने फैसला किया कि वे खुद पुल बनाएंगे।
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करीब 60 ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
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कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद लकड़ी और बांस का पुल तैयार किया गया।
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रविवार को जब पुल तैयार हुआ, तो गांवों में खुशी की लहर दौड़ गई।
अब इस अस्थायी पुल के सहारे लोग पैदल और दुपहिया वाहनों से आवागमन कर सकते हैं।
“सरकार नहीं सुनी, तो हमने रास्ता खुद बना लिया”
गांव के एक बुजुर्ग ने कहा:
“हमने विधायक और अफसरों से कई बार गुहार लगाई। हर बार वादा मिला लेकिन काम नहीं हुआ। आखिर हमने मिलकर पुल बना दिया। यह हमारी मजबूरी थी लेकिन अब हमें गर्व है।”
सामुदायिक एकता की मिसाल
इस काम में हर उम्र के ग्रामीणों ने योगदान दिया।
- किसी ने लकड़ियां काटीं।
- किसी ने बांस को जोड़ा।
- महिलाओं ने पुल निर्माण के दौरान मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था की।
यह पहल न केवल इन गांवों के लिए राहत लेकर आई, बल्कि अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।