राज्यपाल ने कुलपतियों संग की अहम बैठक, नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर हुआ मंथन

रांची: झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को राज्य के विभिन्न सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक राजभवन में आयोजित की गई थी, जिसमें नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई।

बैठक में रांची विश्वविद्यालय, जेयूटी, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, सिद्धो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय जैसे सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे, वहीं अरका जैन विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड राय विश्वविद्यालय, सरला बिरला विश्वविद्यालय और उषा मार्टिन विश्वविद्यालय जैसे निजी संस्थानों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया।

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर प्रस्तुत हुए प्रजेंटेशन

बैठक के दौरान कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों की ओर से प्रजेंटेशन प्रस्तुत किए। उन्होंने यह बताया कि वे अपने संस्थानों में NEP 2020 के विभिन्न प्रावधानों जैसे भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश, कौशल विकास, मातृभाषा में शिक्षा, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम और एक-दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को किस तरह से लागू कर रहे हैं।

नई शिक्षा नीति 2020: शिक्षा में ऐतिहासिक बदलाव

नई शिक्षा नीति 2020 केंद्र सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य देश की शिक्षा प्रणाली को समावेशी, लचीला और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। लगभग 34 वर्षों बाद आई इस नीति में कई क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। पारंपरिक 10+2 प्रणाली की जगह अब 5+3+3+4 प्रणाली लागू की गई है, जो बच्चों के मानसिक विकास के अनुरूप मानी जा रही है।

इस नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा दी गई है, जिससे वे किसी भी समय अपनी पढ़ाई को रोककर बाद में वहीं से फिर शुरू कर सकते हैं। साथ ही चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, शोध आधारित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, स्थानीय भाषा में शिक्षा और कौशल विकास जैसे तत्व शिक्षा को अधिक व्यावसायिक और व्यवहारिक बना रहे हैं।

राज्यपाल ने दिया मार्गदर्शन

राज्यपाल गंगवार ने बैठक में कहा, “नई शिक्षा नीति केवल पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की मूल सोच और दिशा को परिवर्तित करने का एक अवसर है। विश्वविद्यालयों को इस नीति को आत्मसात करते हुए तेजी से क्रियान्वयन करना चाहिए।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा लक्ष्यों के अनुरूप अपने कार्यों में तेजी लानी होगी और शिक्षण प्रणाली को समयानुकूल बनाना होगा।

कुलपतियों का सहयोग का आश्वासन

बैठक के अंत में सभी कुलपतियों ने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि उनके विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को गंभीरता से लागू कर रहे हैं और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे छात्रों के समग्र विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

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