रांची: केंद्र सरकार की कुसुम योजना से झारखंड के किसान बंजर और अनुपयोगी जमीन पर बिजली की पैदावार कर सकेंगे। इसके लिए सौर ऊर्जा यंत्र खरीदने के लिए बिजली वितरण निगम किसानों से 25 साल का करार करेगा। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए किसानों को नाबार्ड और केनरा बैंक से लोन भी मिलेगा। निगम का पावर खरीद करार बैंक के लिए गारंटी का काम करेगा। पहले चरण में झारखंड में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की योजना है। बिजली निगम किसानों से सौर ऊर्जा खरीदने के एवज में जिस राशि का भुगतान करेगी, उससे किसानों को अच्छी आय मिलेगी।
झारखंड बिजली वितरण निगम किसानों से 3.09 रूपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगा। वहीं केंद्र सरकार की इस योजना के तहत बिजली निगम को प्रति यूनिट 40 पैसे की छूट मिलेगी। केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग बढ़ाना चाहती है। क्योंकि यह सस्ता और पर्यावरण के लिए अच्छा भी है।
योजना का लाभ उठाने के लिए किसान झारखंड बिजली वितरण निगम के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। शर्तों के मुताबिक किसान अधिकतम 2 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्लांट लगा सकेंगे। जमीन पट्टा पर देकर भी सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा। इसके लिए अब तक 65 किसानों ने आवेदन किया है। आवेदन के आधार पर बिजली वितरण निगम के पास 400 एकड़ भूमि बैंक उपलब्ध हो गया है।