झारखंड में एक बार फिर शराब नीति को लेकर सियासत गरमा गई है. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई नई शराब नीति पर भाजपा ने बड़ा हमला बोला है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे ‘चहेतों को लाभ पहुंचाने’ वाली नीति बताया है और आरोप लगाया है कि यह नीति राज्य में शराब घोटाले की तीसरी नींव है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस नीति में बदलाव नहीं हुआ तो भाजपा पूरे प्रदेश में जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी. शनिवार को रांची स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार की नीयत पहले दिन से ही साफ नहीं रही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार लगातार शराब कारोबार के नाम पर घोटाले कर रही है और आम जनता को नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने दावा किया कि सरकार अपने चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए एक बार फिर नई शराब नीति लाई है.
तीसरी बार घोटाले की तैयारी का आरोप
मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में तीसरी बार शराब घोटाले की नींव रख दी है. पहले दो घोटाले अभी भी जांच के घेरे में हैं और अब एक नई शराब नीति के जरिए तीसरे घोटाले की भूमिका तैयार की जा रही है. उन्होंने इस नीति को माफियाओं को खुली छूट देने और शराब कारोबार पर उनका कब्जा स्थापित करने की वैधानिक प्रक्रिया बताया. उन्होंने बताया कि नई शराब नीति के तहत अब शराब दुकानों की नीलामी यूनिट सिस्टम के आधार पर होगी. एक यूनिट में एक से चार दुकानों का प्रविधान है और कोई भी व्यक्ति या समूह अधिकतम 12 यूनिट ले सकता है. इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति या समूह राज्य में 140 दुकानों तक का संचालन कर सकता है. उन्होंने इसे बड़े कारोबारी और माफियाओं को लाभ पहुंचाने वाला कदम बताया.
राजस्व को होगा भारी नुकसान
मरांडी ने नई नीति को राज्य की आमदनी के लिए नुकसानदायक बताया. उन्होंने कहा कि जब चंद लोगों को इतनी बड़ी संख्या में दुकानों की अनुमति दी जाएगी तो उसमें पारदर्शिता की कमी होगी और यह सीधे तौर पर राजस्व के नुकसान का कारण बनेगा. उन्होंने आशंका जताई कि यह नीति झारखंड के आर्थिक संसाधनों को कुछ गिने-चुने लोगों के हाथों सौंपने की एक बड़ी साजिश है.
एक व्यक्ति, एक दुकान की नीति की मांग
भाजपा नेता ने राज्य सरकार से मांग की कि अगर वह सच में रोजगार देना चाहती है तो ‘एक व्यक्ति, एक दुकान’ की नीति लागू करे. उन्होंने सुझाव दिया कि अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में दुकानों का आरक्षण किया जाना चाहिए, जिससे आम लोगों को रोजगार का अवसर मिले.
ग्रामीण महिलाओं को दें सम्मानजनक आजीविका
मरांडी ने अपने पुराने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि राज्य की कई ग्रामीण महिलाएं आज भी सड़कों पर हड़िया बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने आग्रह किया कि इन महिलाओं को वैध शराब दुकानें आवंटित की जाएं ताकि वे सम्मानजनक तरीके से अपनी आजीविका चला सकें. इससे न केवल महिलाओं को आर्थिक संबल मिलेगा बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा.
भाजपा करेगी statewide विरोध
बाबूलाल मरांडी ने अंत में साफ किया कि यदि हेमंत सरकार ने इस नीति में संशोधन नहीं किया और चहेतों को लाभ पहुंचाने की प्रवृत्ति बंद नहीं की, तो भाजपा पूरे राज्य में सड़क से विधानसभा तक विरोध प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि यह नीति जनता के हित में नहीं है और इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.