झारखंड के कोडरमा जिले में स्थित तिलैया डैम का पर्यटन के रूप में व्यापक विकास किया जाएगा. इस परियोजना पर 34.87 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे इस स्थल की न केवल सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी प्रमोट किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस परियोजना को अपनी ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई)’ योजना के तहत मंजूरी दी है. इस योजना का उद्देश्य ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को विकसित करना और उनकी वैश्विक ब्रांडिंग करना है.
तिलैया डैम का होगा पर्यटन विकास
तिलैया डैम कोडरमा जिले में स्थित है और यह दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा बराकर नदी पर निर्मित पहला जलविद्युत बांध है. यह बांध न केवल अपनी ऐतिहासिकता बल्कि प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है. इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 34.87 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. इस फंड का उपयोग क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं को उन्नत करने, इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ने के लिए किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत देशभर में कुल 3295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. झारखंड में तिलैया डैम इस योजना के अंतर्गत आने वाली प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. इस परियोजना के तहत पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए जिम्मेदार पर्यटन रणनीतियों को अपनाया जाएगा. इसमें डिजाइन, विकास, संचालन और रखरखाव में विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा.
झुमरी तिलैया की लोकप्रियता का लाभ
झुमरी तिलैया, जो कोडरमा जिले में स्थित है, अपने रेडियो इतिहास के कारण प्रसिद्ध रहा है. रेडियो सीलोन और विविध भारती के कार्यक्रमों में झुमरी तिलैया से सबसे अधिक गानों की फरमाइशें भेजी जाती थीं, जिससे यह स्थान पूरे देश में लोकप्रिय हो गया था. इस ऐतिहासिक प्रसिद्धि को ध्यान में रखते हुए, केंद्र और राज्य सरकारें झुमरी तिलैया की पहचान को पर्यटन के माध्यम से और अधिक मजबूत बनाना चाहती हैं. पर्यटन के विकास से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी.
पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना
हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. तिलैया डैम के पर्यटन विकास के अलावा, राज्य सरकार कई अन्य पर्यटन स्थलों के विकास पर भी काम कर रही है. इसके लिए राज्य प्रशासन ने भी इस परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं, दूसरी तरफ ओडिशा सरकार भी अपने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. हाल ही में संबलपुर मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति की 54वीं बैठक डेब्रीगढ़ में आयोजित की गई. यह बैठक संबलपुर मंडल द्वारा संबलपुर और हीराकुद क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी.
बैठक में पर्यटन के विकास पर चर्चा
बैठक की अध्यक्षता संबलपुर के अपर मंडल रेल प्रबंधक आनंद सिंह ने की. उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में समिति के सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि पर्यटन से जुड़े सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस बैठक में संबलपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक गरिमा तिवारी और डीआरयूसीसी संयोजक शामिल थे. बैठक के दौरान संबलपुर मंडल में चल रही विभिन्न परियोजनाओं और उनके विकास कार्यों पर चर्चा की गई.
तिलैया डैम से जुड़े विकास कार्य
तिलैया डैम के विकास के तहत इसमें विभिन्न पर्यटक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी. इनमें बोटिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स, रिसॉर्ट्स, वॉटरफॉल व्यू प्वाइंट, वॉच टावर और अन्य मनोरंजन के साधन शामिल होंगे. इसके अलावा, इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे और पर्यटन को सतत रूप से विकसित किया जा सके. राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही इस परियोजना को सफल बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं. यह न केवल झारखंड के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा. सरकार की इस पहल से झारखंड में पर्यटन का एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है.