रांची: निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से री-एडमिशन शुल्क, वार्षिक शुल्क और अन्य अतिरिक्त शुल्क वसूलने पर रोक लगाने के लिए झारखंड सरकार द्वारा प्रशासनिक कमिटी के गठन की घोषणा का अभिभावक संघ झारखंड ने स्वागत किया है। संघ के अध्यक्ष कैलाश यादव ने सरकार के इस कदम को सराहनीय बताया और उम्मीद जताई कि इससे निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
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कैलाश यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि स्कूल परिसरों में यूनिफॉर्म और कॉपी-किताबों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई निजी स्कूल अपने छात्रों को निर्धारित दुकानों से महंगे दामों पर किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। प्रशासन को इस मुद्दे पर भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रशासनिक कमिटी को स्कूलों पर 2.50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ-साथ यूनिफॉर्म और कॉपी-किताब बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रावधान करना चाहिए। यदि कोई स्कूल इन आदेशों की अवहेलना करता है और अभिभावकों की शिकायतें मिलती हैं, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए मान्यता रद्द की जानी चाहिए।
अभिभावक संघ झारखंड का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात करेगा और अपने सुझावों को उनके समक्ष रखेगा। इस मुलाकात के लिए सरहुल और ईद त्योहारों के बाद समय निर्धारित किया जाएगा।
अभिभावकों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और सरकार से अनुरोध किया है कि स्कूलों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी प्रणाली लागू की जाए।