राज्य के गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीएटी ) पास करना अब अनिवार्य नहीं होगा। वहीं , सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में आरक्षण के प्रावधान लागू रहेंगे।जिसके लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने संकल्प जारी किया है। हालांकि ,गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक प्रारंभिक स्कूल के मिडिल स्कूलों में तीन सहायक शिक्षक भाषा, गणित-विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के पदों पर नियुक्त अभ्यर्थियों के वेतन को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कर दी जाएगी, लेकिन वेतनमान इंटरमीडिएट प्रशिक्षित का ही रहेगा। इन स्कूलों में बीएड पास अभ्यर्थी जो इंटरमीडिएट प्रशिक्षित वेतनमान पर नियुक्त हैं, उन्हें दो साल के अंदर छह महीने का ब्रिज कोर्स पास करना होगा। जिसके बाद उन्हें दिसंबर 2018 से वेतनमान के लिए अनुदान की राशि दी जाएगी। ऐसा नहीं करने पर उनकी नियुक्ति स्वयं ही रद्द समझी जाएगी। जानकारी के अनुसार , महाधिवक्ता की सलाह के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
आपको बता दें कि राज्य के करीब साठ स्कूलों के साढ़े चार सौ शिक्षक प्रभावित हैं।वहीं , जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में वेतन निर्धारण के लंबित मामले और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रद्द किए गए मामलों पर निर्णय के लिए समिति का गठन किया गया है। साथ ही , प्राथमिक शिक्षा निदेशक को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है | वहीं , वित्त विभाग द्वारा मनोनीत पदाधिकारी शिक्षा विभाग के वित्तीय सलाहकार व शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा मनोनीत पदाधिकारी को सदस्य और शिक्षा विभाग की उपनिदेशक या अवर सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है।मालूम हो कि , वेतन निर्धारण के समर्थन के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से बकाया राशि के भुगतान का दिशा-निर्देश जारी होगा।