झारखंड की जेलें गैंगस्टरों के लिए सुरक्षित अड्डा बन चुकी हैं. जेल में बंद अपराधी न केवल रंगदारी मांग रहे हैं, बल्कि बाहर शूटर भेजकर हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. राज्य में 31 जेल हैं, जिनमें से 14 जेलों में जैमर ही नहीं हैं. बाकी 17 जेलों में लगे जैमर 2जी नेटवर्क के हैं, जो मौजूदा 4जी और 5जी मोबाइल नेटवर्क को रोकने में सक्षम नहीं हैं. इससे अपराधी जेल के अंदर से मोबाइल फोन के जरिए अपने गिरोह को निर्देश दे रहे हैं.
जेलों में जैमर का हाल
राज्य की 31 जेलों में से 14 जेलों में जैमर नहीं हैं. बाकी 17 जेलों में कुल 41 जैमर लगे हैं, लेकिन ये सभी 2जी नेटवर्क के लिए हैं. जबकि आज के समय में 4जी और 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल हो रहा है. नतीजतन, ये जैमर प्रभावी नहीं हैं. जेल विभाग और गृह विभाग ने 4जी और 5जी जैमर लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन यह अभी तक फाइलों में अटका हुआ है.
प्रमुख जेलें जहां जैमर नहीं
गिरिडीह सेंट्रल जेल, देवघर सेंट्रल जेल, सिमडेगा मंडल जेल, चास मंडल जेल, साकची मंडल जेल, और मधुपुर उपकारा जैसी जेलों में कोई जैमर नहीं हैं. वहीं, होटवार जेल, दुमका जेल, और मेदिनीनगर जेल जैसे बड़े जेलों में 2जी जैमर लगे हैं, जो किसी काम के नहीं हैं.
जेल से संचालित हो रहे संगठित अपराध
झारखंड की जेलों से अपराधी अपने साम्राज्य को संचालित कर रहे हैं. कोयला, जमीन और ट्रांसपोर्ट व्यवसायी इनके मुख्य निशाने पर हैं.
प्रमुख गिरोह जो जेल से चला रहे ऑपरेशन
• सुजीत सिन्हा गैंग: रंगदारी मांगने और गोलीबारी की घटनाओं में शामिल.
• अमन साहू गिरोह: हत्या और धमकी के लिए कुख्यात.
• लवकुश शर्मा गैंग: कारोबारियों से रंगदारी वसूलने में सक्रिय.
• सोनू सिंह गैंग: जेल से ही अपराध को अंजाम देने के लिए कुख्यात.
• अखिलेश सिंह गैंग: रंगदारी और हत्या की साजिश में शामिल.
घटनाओं का सिलसिला
• 19 दिसंबर, जमशेदपुर: एक जेवर व्यवसायी से रंगदारी मांगी गई. जांच में खुलासा हुआ कि जेल में बंद सोनू सिंह के इशारे पर यह काम हो रहा था.
• 5 दिसंबर, हजारीबाग: दीपक सिंह की हत्या की योजना जेल में बनी थी.
• 2 दिसंबर, पलामू: माइंस कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई. पैसा न देने पर गोलीबारी की गई.
होटवार जेल में 199 सिम कार्ड एक्टिव
झारखंड एटीएस की रिपोर्ट में होटवार जेल में 199 सिम कार्ड एक्टिव पाए गए. इससे यह साफ हुआ कि जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण अपराधी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
प्रशासन की उदासीनता
जेल आईजी सुदर्शन मंडल से इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और न ही मैसेज का जवाब दिया. जेल एआईजी हामिद अख्तर ने रिपोर्टर का नंबर ही ब्लॉक कर दिया.
समस्या का समाधान फाइलों में अटका
4जी और 5जी जैमर लगाने के प्रस्ताव तैयार हैं, लेकिन इसे लागू करने में देरी हो रही है. विधानसभा में झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी यह मुद्दा उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.