झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जुगसलाई (एससी) विधानसभा सीट पर वोटिंग के दौरान असुविधा और तनाव का माहौल देखने को मिला. एक ओर जहां आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) और झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए, वहीं दूसरी ओर मतदाताओं को वोट देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई जगहों पर मतदाता पर्ची का वितरण सही ढंग से नहीं हुआ था. जुगसलाई विधानसभा सीट पर चुनाव का माहौल सुबह से ही तनावपूर्ण बना रहा, लेकिन बड़ी संख्या में मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंचे.
आजसू और झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच विवाद
जुगसलाई के बर्मामाइंस स्थित मतदान केंद्र, केरला पब्लिक स्कूल में आजसू और झामुमो के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हो गया. इस झगड़े का कारण पोलिंग बूथ पर झामुमो कार्यकर्ताओं की बार-बार मौजूदगी बताई गई है. आजसू के जिला उपाध्यक्ष कमलेश दुबे ने आरोप लगाया कि झामुमो कार्यकर्ता बार-बार पोलिंग बूथ पर जाकर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे थे, जिससे वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बादल ने सफाई दी कि उनके कार्यकर्ता मतदान केंद्र पर सिर्फ नाश्ता-पानी देने गए थे, किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रहे थे. मामले की जानकारी मिलने पर बर्मामाइंस के थानेदार मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद को शांत किया.
मतदाता पर्ची न मिलने से बढ़ी परेशानी
जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों पर मतदाता पर्ची न मिलने की वजह से वोटर्स को मुश्किलें झेलनी पड़ी. मतदाताओं ने बताया कि इस बार बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा मतदाता पर्ची का घर-घर वितरण नहीं किया गया, जिसके कारण मतदाताओं को अपने नाम खोजने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. जुगसलाई के सेंट जॉन स्कूल, जगतबंधु सेवा सदन पुस्तकालय और राम जानकी कन्या मध्य विद्यालय में कई मतदाताओं ने वोट डालने के बजाय अपने नाम की सूची खोजने में अधिक समय लगाया. कई बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को भी नाम ढूंढने में कठिनाई हुई, जिससे उनका मतदान का अनुभव असहज रहा.
जुगसलाई में मतदान प्रक्रिया की स्थिति
सुबह 7 बजे से जुगसलाई के मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हो गई. मतदान प्रक्रिया के शुरू होते ही कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं. सुबह 9 बजे तक इस विधानसभा सीट पर कुल 9.33 प्रतिशत मतदान हो चुका था. मतदान के प्रति लोगों में खासा उत्साह था, खासकर पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाता काफी उत्साहित दिखे. 18 से 19 वर्ष की उम्र के मतदाता पहली बार वोट डालने का मौका पाकर खुश थे, वहीं बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी अपने परिजनों के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे थे. बड़ी संख्या में महिला मतदाता भी वोट देने के लिए कतार में नजर आईं, जो चुनाव में उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है.
मतदान केंद्रों की संख्या और मतदाता
जुगसलाई (एससी) विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 381 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. यह सीट पूर्वी सिंहभूम जिले में आती है, और इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,52,858 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 1,75,786 पुरुष, 1,77,068 महिलाएं और 4 थर्ड जेंडर वोटर्स शामिल हैं. मतदान केंद्रों की अधिक संख्या के बावजूद, मतदाता पर्ची की कमी के कारण मतदाताओं को असुविधा का सामना करना पड़ा, जिससे वोटिंग प्रक्रिया प्रभावित हुई.
सेल्फी प्वाइंट को लेकर दिक्कतें
जुगसलाई नगर परिषद कार्यालय में बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर भी मतदाताओं को असुविधा का सामना करना पड़ा. इस बार लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने के लिए कई मतदाता मतदान केंद्रों पर अपनी तस्वीरें खींच रहे थे, परंतु सेल्फी प्वाइंट की जगह छोटी होने के कारण मतदाताओं को फोटो लेने में परेशानी हो रही थी. कई मतदाता सेल्फी प्वाइंट को हाथों में उठाकर फोटो लेते हुए नजर आए. इन तस्वीरों के जरिए लोग मतदान करने का संदेश दे रहे थे और अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर इसे साझा कर अन्य लोगों को भी मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे.
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
आजसू और झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच हुए विवाद के बाद सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया. प्रशासन ने किसी भी तरह के उपद्रव को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया, जिससे मतदाताओं को सुरक्षित और भयमुक्त माहौल में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिल सके. हर मतदान केंद्र पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में ही मतदान प्रक्रिया संचालित की जा रही है.
मतदाताओं में मतदान का उत्साह
बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने के लिए उमड़ रहे हैं. खासकर युवा मतदाताओं और पहली बार वोट देने वालों में काफी जोश देखा जा रहा है. लोकतंत्र के इस पर्व में बुजुर्ग मतदाताओं की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है. वोट डालने के बाद कई मतदाताओं ने मतदान की नीली स्याही का निशान दिखाते हुए सेल्फी ली, जिससे यह दर्शाता है कि झारखंड के लोग अपने मताधिकार के प्रति जागरूक और संजीदा हैं.