जामताड़ा में शिक्षकों को मिला पोषण वाटिका निर्माण का प्रशिक्षण…

पबिया स्थित जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में आदर्श पोषण वाटिका निर्माण के लिए शुक्रवार को करमाटांड़ प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय एवं उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को कृषि एवं बागवानी आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को पोषण वाटिका के निर्माण और रखरखाव की जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे इसे अपने विद्यालयों में सफलतापूर्वक लागू कर सकें.

प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व

डायट के प्रभारी प्राचार्य डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि विद्यालयों में पोषण वाटिका का निर्माण और इको क्लब का गठन बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका के बिना इको क्लब अधूरा है. पोषण वाटिका न केवल बच्चों को पौष्टिक सब्जियों और फलों का ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि उन्हें कृषि के महत्व को भी समझने में मदद करती है.

प्रशिक्षण का प्रारूप

प्रशिक्षण के दौरान डायट के सदस्य तैयब अंसारी ने नई शिक्षा नीति 2020, ग्रीन एवं स्वच्छ विद्यालय तथा प्रोजेक्ट इंपैक्ट के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कैसे नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालयों में पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है और पोषण वाटिका इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रशिक्षक रामविनय सिंह और हरदेव यादव ने क्रमशः नेचुरल फार्मिंग किचन गार्डन और आदर्श पोषण वाटिका के सभी मॉडलों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने शिक्षकों को यह भी सिखाया कि किस प्रकार से प्राकृतिक तरीकों से खेती की जा सकती है और किचन गार्डन को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है.

प्रशिक्षण का अनुभव

सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने समूह के साथ डायट परिसर में पोषण वाटिका निर्माण में सहयोग किया. उन्होंने साग-सब्जी के बीजारोपण की प्रक्रिया को सीखा और उसे स्वयं भी किया. इस दौरान सभी ने मिलकर विभिन्न प्रकार की सब्जियों के बीज बोए और उनके सही रखरखाव के तरीकों को जाना.

अन्य प्रमुख बिंदु

प्रशिक्षण कार्यक्रम में शरत चंद्र गोस्वामी, वासुदेव किस्कू, शिव शंकर सोरेन आदि भी उपस्थित थे. उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान को शिक्षकों के साथ साझा किया और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने विद्यालयों में भी इस प्रकार की पोषण वाटिका का निर्माण करें. डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को केवल जानकारी प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि उन्हें प्रेरित करना भी है कि वे अपने विद्यालयों में इसे लागू करें. उन्होंने कहा कि पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक आहार के महत्व को समझाने का यह एक अच्छा तरीका है. साथ ही, यह बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण साधन है.

भविष्य की योजनाएं

डायट पबिया की योजना है कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाए ताकि अधिक से अधिक शिक्षक इसका लाभ उठा सकें और अपने विद्यालयों में पोषण वाटिका का सफलतापूर्वक निर्माण कर सकें. इसके अलावा, डायट का उद्देश्य है कि वे विभिन्न विद्यालयों में जाकर भी शिक्षकों को इस संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करें. शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को बहुत ही उपयोगी और जानकारीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से न केवल उनकी ज्ञान में वृद्धि हुई है, बल्कि उन्हें अपने विद्यालयों में कुछ नया और महत्वपूर्ण करने की प्रेरणा भी मिली है.

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