टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन: जल संरक्षण में नई मिसाल….

पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त करते हुए, टाटा स्टील का वेस्ट बोकारो डिवीजन जल संरक्षण के क्षेत्र में प्रभावशाली कार्य कर रहा है. जल संसाधनों के संरक्षण और उनके कुशल उपयोग के साथ, यह डिवीजन “जीरो एफ्लुएंट डिस्चार्ज” (जेडईडी) सिद्धांत पर काम कर रहा है. यह सिद्धांत इसे उद्योग जगत के लिए अनुकरणीय बनाता है.

पुनर्चक्रण और भू-जल पुनर्भरण में अग्रणी

वेस्ट बोकारो डिवीजन खदानों से निकले जल का पुन: उपयोग और अपशिष्ट जल के रीसाइक्लिंग में अभिनव तकनीकों को अपना रहा है. 2012 में स्थापित 7.14 मिलियन किलोलीटर क्षमता वाले पुंडी जलाशय ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है. खदानों से जल इस जलाशय में पंप किया जाता है और इसका उपयोग कोल वाशरी, पावर हाउस, धूल नियंत्रण, वृक्षारोपण और बागवानी जैसे कार्यों में किया जाता है.

गारलैंड ड्रेन और जल संचय

सतही जल बहाव को नियंत्रित करने और इसे खदानों में संग्रहित करने के लिए कैच ड्रेन और गारलैंड ड्रेन जैसी संरचनाएं बनाई गई हैं. ये संरचनाएं बारिश और रिसने वाले पानी को खदानों में जमा करती हैं, जो पुंडी जलाशय तक पहुंचता है. मानसून के दौरान खदान क्षेत्र में जल संचय सुनिश्चित करने के लिए डंपों को अंदर की ओर ढलान के साथ बनाया गया है. इससे सतही जल खदान परिसर से बाहर जाने के बजाय खदान के गड्ढों में एकत्रित हो पाता है.

औद्योगिक अपशिष्ट जल प्रबंधन

डिवीजन ने अपने परिचालन से उत्पन्न अपशिष्ट जल का कुशल प्रबंधन करने के लिए प्रभावशाली कदम उठाए हैं. एचईएमएम कार्यशाला में 350 केएलडी क्षमता वाला एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) स्थापित किया गया है. अपशिष्ट जल को ट्रीट कर पुन: उपयोग के लिए रीसाइक्लिंग किया जाता है. खदान परिसर में 1000 केएलडी से अधिक संचयी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं.

जल पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग

डिवीजन में जल पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएं की गई हैं:

• खदानों में जमा पानी का उपयोग धूल नियंत्रण और छिड़काव के लिए किया जाता है.

• कोल वाशरी और पावर प्लांट में “जीरो एफ्लुएंट डिस्चार्ज” प्रक्रिया के तहत संपूर्ण जल का पुन: उपयोग किया जाता है.

• मैकेनिकल डी-वॉटरिंग प्लांट से प्राप्त जल को बंद सर्किट प्रणाली में पुन: उपयोग किया जाता है.

• पौधारोपण और बागवानी के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाई गई है, जिससे जल की खपत कम होती है और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाता है.

पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में प्रयास

टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन ने जल पुन: उपयोग, अपशिष्ट प्रबंधन और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे प्रयासों के जरिए पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता दी है. ये प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों और औद्योगिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने में भी सहायक हैं.

पुंडी जलाशय की भूमिका

पुंडी जलाशय, जो 7.14 मिलियन किलोलीटर जल संग्रहित करने की क्षमता रखता है, वेस्ट बोकारो डिवीजन के जल संरक्षण प्रयासों का प्रमुख केंद्र है. यह जलाशय खदानों से पानी को पंप कर विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करता है. इससे न केवल पानी की बर्बादी कम होती है, बल्कि खदान क्षेत्र में जल पुनर्भरण को भी बढ़ावा मिलता है.

उद्योग के लिए अनुकरणीय मॉडल

वेस्ट बोकारो डिवीजन का “जीरो एफ्लुएंट डिस्चार्ज” सिद्धांत और जल पुनर्चक्रण की प्रक्रिया इसे उद्योग जगत के लिए अनुकरणीय बनाते हैं. डिवीजन ने अपनी जल प्रबंधन रणनीतियों के जरिए यह साबित कर दिया है कि पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन संभव है.

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