रांची: झारखंड सरकार ने 21 मई को ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) की बहुप्रतीक्षित बैठक बुलाई है। यह बैठक प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की जाएगी। करीब डेढ़ साल बाद होनेवाली इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर मंथन होने की संभावना है, जिनमें खासकर सीएनटी एक्ट, लुगुबुरू हाईडल प्रोजेक्ट, पेसा कानून और वन अधिकार अधिनियम प्रमुख हैं।
टीएसी की पिछली बैठक 16 नवंबर 2023 को हुई थी। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण इसके बाद बैठक नहीं हो सकी। 16 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई थी। इस बार की बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें प्रतिपक्ष के नेता और टीएसी सदस्य बाबूलाल मरांडी की भूमिका पर सबकी नजर रहेगी। यह देखना अहम होगा कि वे बैठक में शामिल होते हैं या नहीं और राज्य सरकार के एजेंडे पर उनका रुख क्या होता है।
एजेंडे में संवेदनशील मुद्दे
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बैठक में पिछली बैठकों के एजेंडों पर फिर से चर्चा की जाएगी। इनमें प्रमुख हैं:
-
पेसा कानून का प्रभावी क्रियान्वयन: आदिवासी स्वशासन और ग्राम सभा की भूमिका को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य में पेसा को लागू करने पर विचार होगा।
-
वन अधिकार अधिनियम: इस अधिनियम के उन प्रावधानों पर मंथन होगा, जिन्हें आदिवासी विरोधी माना जा रहा है।
-
सीएनटी एक्ट में बदलाव: पिछली बैठक में सीएनटी एक्ट के मुख्य प्रावधानों में संशोधन की चर्चा हुई थी, खासकर थाना क्षेत्र के दायरे को लेकर। वर्तमान कानून के अनुसार, एक ही थाना क्षेत्र के आदिवासी आपस में जमीन की खरीद-बिक्री कर सकते हैं।
लुगुबुरू हाईडल प्रोजेक्ट बना विवाद का केंद्र
लुगुबुरू पहाड़ी, जो कि आदिवासी समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है, वहां डीवीसी द्वारा प्रस्तावित हाईडल प्रोजेक्ट का मुद्दा भी बैठक में उठेगा। आदिवासी संगठनों ने इस प्रोजेक्ट का तीव्र विरोध किया है और इसे आस्था पर आघात बताया है।
मुख्यमंत्री रख सकते हैं नया एजेंडा
टीएसी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह अधिकार है कि वे अपनी ओर से कोई भी मुद्दा बैठक में प्रस्तुत कर सकते हैं। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री की ओर से कोई नया एजेंडा औपचारिक रूप से शामिल नहीं किया गया है।
टीएसी में कौन-कौन
टीएसी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उपाध्यक्ष कल्याण मंत्री चमरा लिंडा हैं। अन्य सदस्यों में बाबूलाल मरांडी, आलोक सोरेन, लुईस मरांडी, संजीव सरदार, चंपाई सोरेन, सोनाराम सिंकू, जगत मांझी, दशरथ गगराई, सुदीप गुड़िया, राम सूर्या मुंडा, राजेश कच्छप, जिगा सुसारन होरो, नमन विक्सल कोंगारी और रामचंद्र सिंह शामिल हैं। वहीं, जोसाई मार्डी और नारायण उरांव को मनोनीत सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
यह बैठक आदिवासी हितों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इससे निकलने वाले निर्णयों पर राज्य की राजनीतिक दिशा भी काफी हद तक निर्भर करेगी।