रांची : झारखंड में डीजीपी नियुक्ति मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन॰वी रमन्ना, न्यायाधीश ए॰एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की खंडपीठ ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और यूपीएससी को नोटिस कर तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दरअसल झारखंड पुलिस में दो साल की कार्यकाल के बगैर डीजीपी स्तर के अधिकारियों को हटाने के मामले में उच्चतम न्यायालय में अवमानना की शिकायत की गई थीं।
इस मामले में राजेश कुमार नाम के व्यक्ति के द्वारा अवमानना की शिकायत उच्चतम न्यायालय में की गई है। आवेदक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने उच्चतम न्यायालय में पक्ष रखा है। छत्तीसगढ़ सरकार के उच्चतम न्यायालय में स्थायी परिषद रहे अधिवक्ता प्रणव सचदेवा ने भी न्यायालय को जानकारी दी है कि झारखंड सरकार ने डीजीपी रहे के॰एन चौबे की नियुक्ति 31 मई 2019 को की थी। उन्हें 2021 के 31 मई तक पद पर रहना चाहिए था, लेकिन सरकार ने उन्हें 31 मई से पहले हटा दिया। इसके बाद उनकी जगह एम॰वी राव को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था, जो कि प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरूद्ध था। इसके बाद राव को भी हटाकर सरकार ने 11 फरवरी को नीरज सिन्हा को डीजीपी बनाया।