धनबाद/रांची, 25 जुलाई 2025: “सपने वो नहीं जो नींद में आएं, सपने वो हैं जो नींद ही नहीं आने दें।” धनबाद के आशीष अक्षत ने इस पंक्ति को अपने जीवन में चरितार्थ कर दिखाया है। झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 में प्रथम रैंक हासिल कर आशीष ने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है।
आशीष की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि 9 वर्षों के अथक परिश्रम, दृढ़ निश्चय और अनुशासन की है। प्राइवेट सेक्टर में अच्छी नौकरी, व्यस्त जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच भी उन्होंने कभी अपने लक्ष्य को धुंधला नहीं होने दिया।
शिक्षा: तकनीकी पृष्ठभूमि से प्रशासनिक सेवा तक का सफर
आशीष की प्रारंभिक शिक्षा De Nobili School, CMRI (धनबाद) से हुई। वर्ष 2009 में उन्होंने 10वीं कक्षा में 89% अंक प्राप्त किए, और 2011 में 12वीं साइंस स्ट्रीम से 76.6% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक NIT जमशेदपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और वर्ष 2016 में 78.8% अंकों के साथ डिग्री हासिल की।
निजी क्षेत्र में नौकरी, लेकिन लक्ष्य था सेवा का
आशीष ने अपनी प्रोफेशनल यात्रा Blinkit में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में शुरू की और वर्तमान में TATA 1mg में कार्यरत हैं। एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छी सैलरी और पद होने के बावजूद उन्होंने कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। काम के साथ-साथ उन्होंने JPSC परीक्षा की तैयारी को बराबरी से प्राथमिकता दी।
सफलता के पीछे परिवार का साथ और आत्म-विश्वास
आशीष के पिता श्री सुबोध कुमार श्रीवास्तव हैं, जो हमेशा उनके सबसे बड़े प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। उनके भाई अभिषेक श्रीवास्तव भी इस बार JPSC इंटरव्यू तक पहुंचे, हालांकि चयन नहीं हो सका। आशीष का कहना है कि उनकी सफलता उनके परिवार के विश्वास, खुद के अनुशासन और नियमित प्रयासों का परिणाम है।
बिना कोचिंग के बनी मिसाल
आशीष ने इस सफलता को कोई खास कोचिंग के बिना प्राप्त किया। उनका मानना है कि सही दिशा में मेहनत, सटीक रणनीति और आत्म-आकलन के साथ कोई भी परीक्षा जीती जा सकती है। उन्होंने खुद से सिलेबस तैयार किया, टेस्ट सीरीज का अभ्यास किया और इंटरव्यू के लिए मॉक सेशन में भाग लिया।
प्रेरणा उन युवाओं के लिए जो जॉब और तैयारी के बीच जूझ रहे हैं
आशीष की कहानी उन हजारों युवाओं के लिए एक प्रकाशस्तंभ है जो नौकरी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के बीच संतुलन नहीं बना पा रहे हैं। उन्होंने दिखा दिया कि सीमित समय और संसाधनों में भी सफलता संभव है, बस दृढ़ निश्चय और समर्पण की आवश्यकता है।
JPSC 2023 में पहला स्थान प्राप्त कर आशीष अक्षत अब झारखंड राज्य पुलिस सेवा में योगदान देंगे। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को यह यकीन दिलाएगी कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।