कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल ने जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार को दुग्ध आपूर्तिकर्ताओं के बीच प्रति लीटर एक रुपया वितरण योजना की शुरुआत की. योजना झारखंड सरकार की ओर से दुग्ध आपूर्तिकताओं को प्रोत्साहित करने को लेकर शुरू किया गया है. धुर्वा स्थित मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में सांकेतिक रूप से कई पशुपालकों को चेक का प्रारूप दिया गया. राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजी जायेगी. यह लाभ उन किसानों को मिलना है, जो दूध झारखंड मिल्क फेडरेशन को देते हैं. मौके पर कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि अभी कृषि और संबद्ध सेक्टर का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 12 फीसदी के करीब है. इसे 20 फीसदी करने का लक्ष्य विभाग ने रखा है. यह एक चुनौती है, लेकिन हमें उम्मीद है कि यहां के किसान इसे सफल करायेंगे. अभी करीब 1.20 लाख लीटर दूध का संग्रह हो रहा है, जिसे पांच लाख लीटर करना है. इसके लिए राज्य सरकार नयी मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने जा रही है.
वहीं कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीख ने कहा कि राज्य में दूध उत्पादन के क्षेत्र में काफी संभावना है. अभी भी राज्य में दूध की खपत राष्ट्रीय औसत से कम है.दूध उत्पादन बढ़ा कर हम कुपोषण की समस्या से भी लड़ सकते हैं. राज्य में 64 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है. इसमें मात्र 1.20 लाख लीटर ही प्रोसेसिंग के लिए आता है और इसे बढ़ाया जा सकता है. पशुपालन व गव्य विकास विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि कृषि और पशुपालन को मिलकर समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है. आनेवाले दिनों में यह एक-दो माह में दिखने लगेगा. झारखंड मिल्क फेडरेशन के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि जल्द ही सारठ, पलामू और साहिबगंज का नया प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होगा. इससे दूध की प्रोसेसिंग ज्यादा होगी. अभी किसानों के बीच हर माह 15 करोड़ रुपये दूध के एवज में दिये जा रहे हैं. इसे बढ़ाने की जरूरत है.
अनुकंपा पर दी गयी नौकरी
मौके पर कृषि मंत्री के हाथों पशुपालन विभाग की ओर से छह लोगों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति पत्र दिया गया, जिनके अभिभावकों की मृत्यु सेवाकाल के दौरान हो गयी थी. इनमें रमेश मिर्धा, रेखा देवी, सावित्री देवी, नितेश मुंडा, ऋतुराज प्रतीक और पवन कुमार तिर्की को नियुक्ति पत्र दिया गया.