छात्र सदर अस्पतालों में स्वेच्छा से दे सकेंगे सेवा, नई शिक्षा नीति के तहत व्यवस्था लागू….

नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत, झारखंड के 24 जिलों के सदर अस्पतालों में 12वीं कक्षा के बाद किसी भी विषय के छात्र स्वेच्छा से सेवा दे सकेंगे. झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने इस व्यवस्था की पूरी तैयारी कर ली है और सभी सदर अस्पतालों का निबंधन mybharat.gov.in पर करा दिया है. इस साइट पर सभी अस्पतालों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है. छात्र अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न अस्पताल विभागों में सेवा देने के लिए चयन कर सकते हैं. इस प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक सदर अस्पताल में एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो छात्रों को अस्पताल में सेवा देने की प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करेगा.

प्रमाणपत्र और सेवा अवधि:

स्वेच्छा से सेवा देने वाले छात्रों को एक से तीन महीने तक सेवा देने का अवसर मिलेगा. इस दौरान, वे इमरजेंसी में मरीजों की पर्ची कटवाने, जांच रिपोर्ट दिलवाने, और मरीजों को सही डॉक्टर और विभाग की जानकारी प्रदान करने में मदद करेंगे.

रिम्स और मेडिकल कालेजों में भी सेवा:

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पहले चरण में, छात्रों को 24 सदर अस्पतालों के साथ-साथ रिम्स समेत छह मेडिकल कालेजों में स्वेच्छा से सेवा देने का मौका मिलेगा. दूसरे चरण में, पीएचसी और सीएचसी का निबंधन भी विभाग द्वारा किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी स्थानीय अस्पतालों में सेवा देने का लाभ उठा सकेंगे. नोडल पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वे छात्रों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करें और उनकी पसंद और समझ के अनुसार विभिन्न विभागों में सेवा देने का अवसर उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें अस्पताल के विभिन्न विभागों में काम करने का अनुभव प्राप्त हो सके.

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