राज्य सरकार ने तीसरे चरण का स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह यानी लॉकडाउन लगा रखा है। आज से बिना ई- पास लिए गाड़ियों की आवाजाही नहीं की जा सकती है। पूरे राज्यभर में इसका देखने को मिल रहा है। ई-पास के बिना लोगों को सड़कों पर निकला सख्त मना है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए झारखंड में मिनी लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। बता दें कि 27 मई ये सिलसिला चलेगा। राज्य में व्यावसायिक और निजी वाहनों के आवागमन के लिए नई गाइडलाइंस भी आज से लागू हो गई। इसके अनुसार, यात्री बसों का परिचालन 27 मई तक बंद कर दिया गया है। वहीं सड़क पर चलने वाले प्रत्येक निजी वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को ई-पास लेना जरूरी होगा।
मीडियाकर्मियों के लिए भी ई-पास जरूरी..
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब मीडियाकर्मियों के लिए भी ई-पास बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। बाहर से सूबे में आने वालों को 7 दिनों की क्वारंटीन अवधि पूरी करनी होगी। दूसरी तरफ विवाह समारोह में अब अधिकतम 11 लोग ही शामिल हो सकेंगे। पहले 50 लोगों के शामिल होने की छूट थी। इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी लोगों से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अनुपालन में सहयोग की अपील की है।
बंगाल से सटे राज्य के बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। कोई ठोस वजह नहीं होने पर और ई-पास नहीं दिखाने वालों को बैरंग वापस कर दिया जा रहा है। जिस प्रकार से शक्ति नजर आ रही है। हम कह सकते हैं कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यह एक ठोस कारगर कदम है। बॉर्डर पर तैनात मजिस्ट्रेट बिना पास के किसी को झारखंड में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही है। लोगों में अभी जागरूकता की कमी जरूर नजर आ रही है, लेकिन शक्ति निरंतर बरकरार रहेगी।