झारखंड में नववर्ष के दौरान नकली और अवैध शराब की खपत रोकने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. इस संबंध में बुधवार को विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सभी जिलों के सहायक आयुक्त उत्पाद, अधीक्षक उत्पाद और मुख्यालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में राजस्व वृद्धि, नकली शराब की रोकथाम और एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई.
नववर्ष पर अवैध शराब खपाने की आशंका
मंत्री ने अधिकारियों को आगाह किया कि नववर्ष के दौरान नकली और अवैध शराब बाजार में खपाने की कोशिश की जा सकती है. इसे रोकने के लिए सभी जिलों में सख्त निगरानी और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, “नियमित जांच करें और सुनिश्चित करें कि शराब की बिक्री निर्धारित एमआरपी पर हो. दुकानों में सभी ब्रांड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि बिक्री बढ़े और राजस्व में वृद्धि हो”.
राजस्व लक्ष्य से पीछे है विभाग
उत्पाद विभाग वर्तमान में राजस्व लक्ष्य से 1,000 करोड़ रुपये पीछे चल रहा है. मंत्री ने अधिकारियों से अनियमितताओं को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा. उन्होंने शराब बिक्री की राशि समय पर जमा नहीं करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों से एक सप्ताह के भीतर बकाया वसूली के निर्देश दिए. बकाया राशि जमा न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और उनकी बैंक गारंटी जब्त करने का आदेश भी दिया गया.
प्लेसमेंट एजेंसी पर जुर्माना और बकाया वसूली
बैठक में मंत्री ने जिलावार कार्रवाई की रिपोर्ट ली. एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचने के मामले में प्लेसमेंट एजेंसियों पर 58 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा, शराब की अधिक कीमत वसूलने वाले विक्रेताओं पर 9.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
निलंबित दारोगाओं को बहाल किया गया
एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री रोकने में विफल रहने के कारण निलंबित किए गए राज्यभर के नौ उत्पाद दारोगाओं को निलंबन मुक्त कर दिया गया है. हालांकि, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी. राजस्व हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया. निलंबित दारोगाओं में रांची से प्रकाश मिश्रा, दिलीप कुमार शर्मा, प्रदीप शर्मा, लोहरदगा से मंजूर आलम, बोकारो से सन्नी विवेक तिर्की और अमित कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं.
छापेमारी के सबूत सौंपे गए
रांची के सहायक आयुक्त उत्पाद अरुण कुमार मिश्रा ने विभाग को छापेमारी से संबंधित सबूत सौंपे. उन्होंने बताया कि जिस दिन उनसे फोन पर लोकेशन मांगी गई थी, उस दिन वे सिल्ली और बुंडू क्षेत्रों में छापेमारी पर थे. उनके द्वारा प्रस्तुत सबूतों की समीक्षा की जा रही है.
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू करने की योजना
बैठक में अवैध और नकली शराब की रोकथाम के लिए “ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम” को 100 प्रतिशत लागू करने पर जोर दिया गया. इस प्रणाली के माध्यम से शराब की उत्पादन से लेकर बिक्री तक की निगरानी की जाएगी. इसे लागू करने में आ रही तकनीकी समस्याओं पर भी चर्चा हुई.
बिक्री केंद्रों की जांच में मिली अनियमितता
मंत्री योगेंद्र प्रसाद के औचक निरीक्षण के दौरान कांके रोड स्थित एक शराब दुकान में कुछ ब्रांड्स की स्टॉक से अधिक शराब पाई गई. इस मामले में भी जांच की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
एमआरपी से अधिक वसूली रोकने के निर्देश
अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि शराब की बिक्री एमआरपी से अधिक कीमत पर न हो. उन्होंने कहा कि अगर अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित विक्रेता और एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
राजस्व वृद्धि पर फोकस
मंत्री ने बैठक में कहा कि उत्पाद विभाग का लक्ष्य राजस्व वृद्धि सुनिश्चित करना है. नकली और अवैध शराब की बिक्री रोकने और समय पर राजस्व जमा करने के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
मंत्री का संदेश
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा, “उत्पाद विभाग को पारदर्शिता और नियमों के तहत काम करना चाहिए. लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नववर्ष के दौरान अवैध और नकली शराब की खपत पर सख्ती से नजर रखी जाए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो”.