झारखंड के उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक (NAAC) मान्यता की गंभीरता को देखते हुए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. राज्य के 78 राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों की नैक मान्यता समाप्त हो चुकी है, लेकिन इन संस्थानों ने नए चक्र के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. उच्च शिक्षा निदेशक सह राज्य परियोजना निदेशक रामनिवास यादव ने सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को पत्र जारी कर इन संस्थानों को नैक प्रत्यायन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं.
78 संस्थानों की मान्यता समाप्त
राज्य के कई प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की नैक मान्यता समाप्त हो चुकी है. उदाहरण के लिए, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से संबद्ध एएस कॉलेज देवघर, आदित्य नारायण कॉलेज दुमका, भागवत झा आजाद कॉलेज, और अन्य की मान्यता खत्म हो गई है. इसी तरह रांची विश्वविद्यालय के बीएस कॉलेज लोहरदगा, डोरंडा कॉलेज, जेएन कॉलेज धुर्वा, और अन्य कॉलेज भी नैक मान्यता के अगले चक्र में भाग नहीं ले पाए हैं. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के भद्रकाली कॉलेज इटखोरी, चतरा कॉलेज, छोटा नागपुर कॉलेज रामनगर रामगढ़ और अन्य की भी मान्यता की अवधि समाप्त हो गई है. इसी तरह, कोल्हान विश्वविद्यालय के एबीएम कॉलेज जमशेदपुर, बीडीएसएल महिला कॉलेज, बहरागोड़ा कॉलेज और अन्य संस्थानों की नैक मान्यता समाप्त हो गई है.
सरकारी अनुदान पर असर
नैक प्रत्यायन की स्थिति का सीधा असर संस्थानों के सरकारी अनुदान पर पड़ता है. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत अनुदान राशि उन्हीं संस्थानों को दी जाती है जिनकी नैक मान्यता होती है. हालांकि, कई संस्थानों ने पहले भी अनुदान राशि प्राप्त की थी, लेकिन उन्होंने नैक के अगले चक्र में भाग नहीं लिया. इस स्थिति को विभाग ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी विवि और कॉलेजों को गंभीर प्रयास करने की हिदायत दी है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लंघन
उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि नैक मान्यता न होना केवल सरकारी निर्देशों की अनदेखी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों का भी उल्लंघन है. कई संस्थानों की नैक मान्यता की वैधता पहले ही समाप्त हो चुकी है, लेकिन संस्थान अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं. विभाग ने इन्हें चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द नैक के अगले चक्र के लिए तैयारी करें.
रांची विवि और अन्य प्रमुख संस्थानों की स्थिति
रांची विश्वविद्यालय की नैक ग्रेड बी++ थी, जिसका पहला चक्र 2017 में हुआ था, और इसकी मान्यता 2022 में समाप्त हो गई. इसी प्रकार सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका की नैक ग्रेड सी थी, और इसका नैक मूल्यांकन 2018 में हुआ था, जिसकी मान्यता 2023 में समाप्त हो गई. विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ये सभी संस्थान जल्द से जल्द नैक के अगले चक्र में प्रतिभाग करें.
आवश्यकता: नैक मान्यता की तैयारी
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने नैक प्रत्यायन की प्रक्रिया को तेज करें. इसके लिए संस्थानों को अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार करने, दस्तावेज़ों को अद्यतन करने और नैक द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप अपनी शिक्षा की गुणवत्ता को उन्नत करने की आवश्यकता है.