नई दिल्ली में कुछ दिनों पहले आयोजित स्टेक होल्डर्स मीटिंग की अगली कड़ी में रांची में भी ऐसी ही एक बैठक के आयोजन की तैयारी चल रही है।आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में राज्य की उद्योग नीति पर व्यवसायिक घरानों और उनसे जुड़े संगठनों से चर्चा होगी व सभी के सहयोग से नई नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा। वहीं ,बैठक में उद्योगपतियों से निवेश के लिए आग्रह करेंगे और उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश भी
की जाएगी।
दरअसल ,पिछला उद्योग नीति लैप्स हो चुका है ,जिसे फिर से तैयार करने की कवायद के तहत स्टेक होल्डर्स का आयोजन हो रहा है। उद्योग विभाग के सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि 12 मार्च को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं। वहीं , मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस आयोजन के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही ,कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। इसके अलावा उद्योग विभाग की ओर से प्रदेश के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों से विभिन्न संगठनों को भी आमंत्रित किया जायेगा | इसके साथ ही, तमाम चैंबर ऑफ कॉमर्स, रांची और आदित्यपुर स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज और ऐसे अन्य संगठनों का प्रतिनिधित्व इस बैठक में होगा। इसके अलावा बड़े औद्योगिक घरानों को भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा जाएगा। ऐसा करने के पीछे विभाग और सरकार की मंशा साफ़ है कि राज्य में निवेश का वातावरण तैयार हो और लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किये जा सके |
राज्य सरकार उन कंपनियों को भी स्टेक होल्डर्स की बैठक में बुलाएगी, जिनके साथ पूर्व में करार हो चुका था। वहीं ,अब नए सिरे से एमओयू किया जाएगा। आपको बता दें कि एक बार नीति खत्म हो जाने के बाद उस नीति के तहत हुए करारों का कोई मतलब नहीं रहता है | झारखण्ड सरकार स्टेक होल्डर्स की मीटिंग में पहुंचनेवाले निवेशकों के सुझाव पर अमल करने को लेकर भी प्रतिबद्ध है। दरअसल ,पूर्व की सरकार में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर निवेशकों को लुभाने के लिए करार किए जाने का प्रस्ताव था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था। सूत्रों के अनुसार एक बार फिर पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा और अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए आकर्षक प्रस्ताव भी दिए जाएंगे। इस सन्दर्भ में पर्यटन नीति पर पहले से ही काम जारी है।
मालूम हो कि ,इस सन्दर्भ में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति पर लोगों से भी सुझाव मांगे जाएंगे और इसको लेकर उद्योग विभाग के पोर्टल पर शीघ्र ही इस नीति से संबंधित ड्राफ्ट सार्वजनिक किया जाएगा। फिलहाल पोर्टल पर इससे संबंधित प्रजेंटेशन उपलब्ध है।