पूर्वी भारत में संत जेवियर्स कॉलेज नंबर 2

रांची | 4 जुलाई 2025 | राजधानी रांची स्थित संत जेवियर्स कॉलेज ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का लोहा मनवाया है। हाल ही में जारी नेशनल रैंकिंग रिपोर्ट में इस कॉलेज ने पूर्वी भारत के शिक्षण संस्थानों में आर्ट्स और कॉमर्स संकाय में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल रांची बल्कि पूरे झारखंड और पूर्वी भारत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है।

शिक्षा और गुणवत्ता का अद्भुत संगम

संत जेवियर्स कॉलेज को यह स्थान उसकी समग्र शैक्षणिक गुणवत्ता, प्रशिक्षित फैकल्टी, उत्कृष्ट छात्र प्रदर्शन, मजबूत बुनियादी ढांचे और सामाजिक जिम्मेदारियों में अग्रणी भूमिका के लिए मिला है।

खास बात यह है कि:
आर्ट्स संकाय में पूर्वी भारत का दूसरा स्थान।
कॉमर्स संकाय में भी पूर्वी जोन का दूसरा स्थान।

कॉलेज ने इन दोनों संकायों में बेहतर प्रदर्शन कर यह सिद्ध कर दिया है कि वह झारखंड का शैक्षणिक पावरहाउस है।

“गर्व का क्षण”: प्राचार्य प्रदीप कुजूर

कॉलेज के प्राचार्य प्रदीप कुजूर ने इस सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा:

“एक समय था जब संत जेवियर्स कॉलेज इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एकमात्र संस्थान हुआ करता था। आज, भले ही कई विश्वविद्यालय और संस्थान खुल गए हों, लेकिन इन सबके बीच पूर्वी भारत में दूसरा स्थान प्राप्त करना वास्तव में गर्व का विषय है।”

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कॉलेज के प्रशिक्षित शिक्षकों, मेहनती विद्यार्थियों, समर्पित कर्मचारियों और कुशल प्रशासन के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

“हमारा लक्ष्य केवल परीक्षा पास कराना नहीं, बल्कि समाज के लिए जिम्मेदार नागरिक तैयार करना है,” – प्राचार्य।

उपलब्धियों की लिस्ट लंबी

  • कॉलेज के विद्यार्थी विश्वविद्यालय और बोर्ड परीक्षाओं में लगातार टॉप रैंक ला रहे हैं।

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कॉलेज के छात्रों ने प्रतिभा का लोहा मनवाया

  • शैक्षणिक अनुसंधान, नवाचार, कौशल विकास और समाज सेवा पर कॉलेज का विशेष बल।

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि आने वाले वर्षों में वे शोध, डिजिटल लर्निंग और अंतरराष्ट्रीय कोलैबोरेशन को और बढ़ावा देंगे।

विशेषज्ञों की राय

राज्य के शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि:

“संत जेवियर्स कॉलेज ने लगातार अपने प्रदर्शन से यह साबित किया है कि झारखंड में भी गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा संभव है।”

कॉलेज की यह उपलब्धि झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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