बिहार में खेल विश्वविद्यालय निर्माण कार्य शुरू लेकिन झारखंड में इसकी सुगबुगाहट तक नहीं..

झारखंड से कई खिलाड़ियों ने पूरे दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई जिसमें सबसे बड़ा नाम है महेंद्र सिंह धोनी। धोनी की तरह झारखंड के कई युवा अपनी पहचान खेल के द्वारा दुनिया भर में बनाना चाहते है।लेकिन सुविधा के अभाव के कारण वंचित रह जाते है। झारखंड में पिछले कई सालों से योजनाएं तो बनती है लेकिन फाइलों में ही सिमट कर रह जाती है। यहां के खिलाड़ियों और खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य 6 साल पहले बनाई गई थी लेकिन अभी तक बस ये योजनाएं ही बन कर रह गई। सरकार द्वारा खेल विश्वविद्यालय निर्माण के लिए फिर कभी पहल नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य बिहार में इसकी तैयारी भी शुरू हो गई। बिहार के राजगीर में खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी जोरों पर है।

झारखंड सरकार और सीसीएल के बीच साल 2015 में खेल विश्वविद्यालय के लिए MOU किया गया था। इसके बाद से यह योजना सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रही। सीसीएल के अनुसार रांची के होटवार में 10 एकड़ जमीन पर खेल विश्वविद्यालय बनाया जाना है। इसके रखरखाव और बाकी जिम्मेदारियों में सीसीएल की भागीदारी होगी। इस खेल विश्वविद्यालय में योग, फिजिकल एजुकेशन, व्यायाम क्रिया, विज्ञान और जीव यांत्रिकी, समाज विज्ञान आदि में उच्च शिक्षण प्रदान की जानी थी। इस विश्वविद्यालय में 50% विधार्थी झारखंड से होंगे और साथ ही उन्हें 25% की छूट फीस में दी जानी थी।