Jhupdate: सरकार द्वारा चलाई जारी बहुत सारी स्कीम में सोलर पैनल की पहल बिजली की बचत और नवीकरणीय ऊर्जा के साथ बिजली का उत्पादन कर पर्यावरण को भी संरक्षित करती है। सौर ऊर्जा को बड़ी मात्रा में विद्युत ऊर्जा में कन्वर्ट कर रहा सोलर प्लांट आने वाले भविष्य के लिए वरदान साबित होता दिख रहा है। झारखंड के बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत चतरोचट्टी पंचायत में बोकारो जिला प्रशासन की पहल लगाए गए सोलर प्लांट किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आम बागवानी और खेती के लिए लगाए गए सोलर सिस्टम से खेतों में पानी पटवन में किसानों को बहुत सुविधा मिल रही है। खेतों में सोलर सिस्टम लगने की वजह से आम बागवानी और धान की खेतों में पानी की समस्या का हाल हो गया है। जिसकी कारण खेतों में हरियाली बिखर गयी है।
की गई है आम की बागवानी…
चतरोचट्टी पंचायत में 15 एकड़ जमीन में 15 ग्रामीणों ने मिलकर एक जगह आम बागवानी की है। आम के बागान लगाने के बाद पानी पटवन के लिये किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। पानी की काफी किल्लत और पहाड़ी के तलहटी में रहने के कारण पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा था।
सौर उद्भव सिंचाई योजना लगाए गए हैं पैनल…
प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार को ग्रामीणों की इस समस्या के संबंध में पंचायत के मुखिया महादेव महतो ने जानकारी देते हुए इस समस्या का निवारण करने का निवेदन किया। पानी की समस्या की ओर बीडीओ कपिल कुमार ने बोकारो जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया, ताकि पानी पटवन के लिये कोई दुरूस्त व्यवस्था बहाल की। जिसके बाद जिला परिषद के फंड से प्रशासन के दिशा निर्देश पर आम बागवानी से एक हजार फीट की दूरी पर एक तालाब के समीप मोटर सहित सोलर प्लांट लगाया गया। साल 2022-23 में सौर उद्भव सिंचाई योजना के तहत मोटर और सोलर प्लांट लग गए है। ताकि पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों को राहत मिल सके वाकई मोटर और सोलर सिस्टम लगने के बाद आम बागवानी तक पानी पहुंचाने में सहायता मिली किसानों को जब पानी की जरूरत पड़ती है। तब उन्हें पानी पटवन कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
आम के साथ, धान की खेती को भी मिल रहा है पानी…
लगाए गए सोलर पैनल द्वारा अब निरंतर और पर्याप्त मात्रा में खेतों को पानी मिलता है पानी मिलने से कुम्हलाये पौधों में हरियाली दिखने लगी है। और पौधे भी बढने लगे है। आम बागवानी के साथ-साथ आम की खेती के लिए भी पानी की व्यवस्था दुरुस्त हो गई है। किसान 50 एकड़ भूमि में पानी पटवन कर धान की खेती भी करने लगे है। प्रशासन द्वारा किए गए इस सहयोग से किसानों का काफी लाभ मिल रहा है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि कम लागत में उन्हें अच्छी फसल का उपज मिल रहा है जिससे कि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकते हैं।