आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा पर अधिक निर्भरता बढ़ेगी। झारखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार भी सौर ऊर्जा के क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि इस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाए। अब इसी को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा विभाग ने राज्य के 4 जिलों में सोलर पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। झारखंड के देवघर, सिमडेगा ,पलामू और गढ़वा में सोलर पार्क स्थापित किया जाएगा। हर एक सोलर पार्क की क्षमता 20 मेगावाट होगी।इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को भी भेज दिया गया है।
इस प्रस्तावना से संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि सोलर पार्क के लिए जमीन चिन्हित करें। इन 4 जिलों में सोलर पार्क स्थापित करने के बाद अगले चरण में विभिन्न जिलों में इस योजना पर काम शुरू होगा ।झारखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन की बेहतर संभावनाओं के बावजूद भी इसके अपेक्षित उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
प्रस्तावना के अनुसार उस भूमि पर सौर ऊर्जा का प्लांट लगाना ज्यादा लाभदायक होगा जो कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है। सरकार सौर ऊर्जा नीति बनाएगी ताकि सौर ऊर्जा योजनाओं के लिए जमीन चिन्हित की जा सके। 1 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार किसानों को भी प्रेरित करेगी और इसके लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। 3 किलोवाट तक के प्लांट पर 40% और 4 किलोवाट तक के लोड पर 20% सब्सिडी का प्रावधान है।
राज्य सरकार ने हर जिले में बिजली की खपत और उसके मुकाबले सौर ऊर्जा की संभावनाओं को ध्यान में रखेगी। इसके मुताबिक बोकारो में कुल डिमांड 141 मेगावाट का है। इसमें 60 मेगावाट सौर ऊर्जा से उत्पादन किया जाएगा। चतरा में 10 मेगावाट, देवघर में 45 मेगावाट,धनबाद में 100 मेगावाट, पूर्वी सिंहभूम में 70 मेगावाट, पश्चिम सिंहभूम में 40 मेगावाट,गिरिडीह में 41 मेगावाट,गढ़वा में 30 मेगावाट,सरायकेला में 40 मेगावाट और सिमडेगा में 10 मेगावाट का उत्पादन हो सकता है। मतलब हर जिले की आधा से ज्यादा बिजली खपत की आपूर्ति सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए की जा सकती है।