झारखंड में इस वर्ष के अंत तक सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने केंद्र सरकार की आरडीएसएस (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत यह अभियान शुरू किया है. राज्य के 46.48 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत दूसरे चरण में 13.41 लाख उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाए जाएंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ता अधिक संख्या में शामिल हैं.
रांची और धनबाद में तेजी से हो रहा काम
राजधानी रांची और धनबाद में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पहले से ही चल रहा है. रांची में 3.50 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 3 लाख घरों में मीटर लगाए जा चुके हैं. इसी तरह, धनबाद में 1 लाख घरों में मीटर लगने हैं, जिनमें से 75 हजार घरों में मीटर स्थापित हो चुके हैं. दूसरे चरण में रांची और धनबाद के अतिरिक्त 40-40 हजार उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाए जाएंगे.
जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने की संख्या
झारखंड के अन्य जिलों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से हो रहा है.
• बोकारो: 1,06,611
• देवघर: 87,326
• पूर्वी सिंहभूम: 1,95,621
• हजारीबाग: 93,230
• गोड्डा: 33,546
• रामगढ़: 72,945
• साहिबगंज: 56,831
अन्य जिलों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाने की प्रक्रिया जारी है.
स्मार्ट मीटर के लाभ
• सटीक रीडिंग: स्मार्ट मीटर से बिजली की खपत की सटीक रीडिंग मिलती है.
• प्रीपेड सुविधा: उपभोक्ता अपनी खपत के आधार पर पहले से रिचार्ज कर सकते हैं.
• लाइव खपत की जानकारी: उपभोक्ता जेबीवीएनएल की वेबसाइट या कंज्यूमर सेल्फ केयर ऐप पर अपनी खपत और लोड की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
• बिजली कटवाने की सुविधा: उपभोक्ता बाहर जाने पर वेबसाइट के जरिए बिजली आपूर्ति बंद कराने का अनुरोध कर सकते हैं.
• ऑनलाइन बिलिंग: मीटर की रीडिंग ऑनलाइन की जाती है, और उपभोक्ताओं को व्हाट्सऐप पर बिल भेजा जाता है.
राजस्व घाटा कम करने की कोशिश
जेबीवीएनएल का वर्तमान एटीएंडसी (एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल) लॉस 25-30 प्रतिशत है. इस घाटे को कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इन मीटरों में एक विशेष डिवाइस होता है, जिससे मुख्यालय से उनकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती है. इससे बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सकेगी और बोर्ड का खर्च भी घटेगा.
डिजिटल सुविधा से उपभोक्ताओं को लाभ
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली उपभोक्ता न केवल अपनी खपत पर नियंत्रण रख सकते हैं, बल्कि भुगतान प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी. उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर को मीटर से जोड़ा जा रहा है, जिससे रीडिंग के लिए मीटर रीडर रखने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.