राज्य में मैट्रिक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच तेज़ी से आगे बढ़ाने हेतु एक विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित की जा रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री रामदास की सहमति मिलने के बाद, यह प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा जा चुका है। सोमवार तक एसआइटी के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
संदिग्ध छात्र और अन्य आरोपी
कोडरमा पुलिस ने शनिवार देर रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह स्थित एक कोचिंग संस्थान से तीन संदिग्ध छात्रों को हिरासत में लिया। तीनों छात्रों का गिरिडीह से होने का संकेत मिलता है और उनसे पूछताछ जारी है। इस मामले में कोचिंग संचालक, शिक्षक और परीक्षार्थी समेत दर्जन भर से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। साथ ही, कुछ आरोपियों के मोबाइल भी जब्त किए गए हैं।
जांच का दायरा और निर्देश
कोडरमा, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम और गढ़वा जिलों में मामले की जांच जारी है। एसआइटी गठन के पश्चात इन सभी जिलों में एक समन्वित जांच प्रारंभ की जाएगी। परीक्षा के दौरान सभी डीइओ (डीस्ट्रीक्ट एजुकेशन ऑफिसर्स) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिले के उपायुक्त से लगातार संपर्क में रहें। यदि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का अवांछित कंटेंट पाया जाता है तो उसे तुरंत संबंधित जिले के डीसी और साइबर सेल को सूचित करें। साथ ही, डीइओ से कहा गया है कि वे परीक्षा केंद्रों का नियमित भ्रमण करते रहें ताकि किसी भी प्रकार की कोताही न हो।
पुलिस की समीक्षा बैठक
मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई की समीक्षा सोमवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी। डीजीपी ने बताया कि पुलिस स्तर पर मामले की गहराई से जांच की जा रही है और संदिग्धों की तलाश में निरंतर छापेमारी की जा रही है। जमुआ इलाके में भी कई जगहों पर छापेमारी की गई, जहाँ से चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर गिरिडीह के नगर थाना में पूछताछ के लिए भेजा गया है। इन संदिग्धों पर आरोप है कि इन्होंने प्रश्न पत्र गिरिडीह के सिहोडीह स्थित कुछ छात्रों को भेजे थे।
यह कदम मैट्रिक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक के मामले में पारदर्शिता और कड़ी जांच सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।