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बीजेपी नेता सीता सोरेन की घर वापसी के संकेत, झामुमो ने कहा- “स्वागत रहेगा”….

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची हुई है. झामुमो छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं नेता सीता सोरेन के हालिया बयान ने राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है. कतरास में एक शादी समारोह के दौरान उन्होंने हेमंत सरकार की जमकर तारीफ की, जिसके बाद उनके झामुमो में वापसी की चर्चाएं तेज हो गई हैं.

शादी समारोह में सीता सोरेन का बड़ा बयान

गुरुवार रात कतरास में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचीं सीता सोरेन ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खूब प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि झामुमो के नेतृत्व में गठित इंडिया गठबंधन की सरकार बेहतर काम कर रही है और हर क्षेत्र में विकास को प्राथमिकता दी जा रही है.

सरकार की योजनाओं की खुलकर सराहना

सीता सोरेन ने झारखंड सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य में सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने खासतौर पर मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना का जिक्र किया और इसे काफी सफल और लोकप्रिय योजना बताया. उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है, आने वाले दिनों में सरकार और भी बेहतरीन योजनाओं पर काम करेगी, जिसका फायदा राज्य के लोगों को मिलेगा.

मिथिलेश ठाकुर ने कहा- “स्वागत रहेगा”

सीता सोरेन के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या वे झामुमो में दोबारा वापसी करेंगी. झामुमो के वरिष्ठ नेता मिथिलेश ठाकुर ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “स्वागत रहेगा”. इससे साफ संकेत मिलते हैं कि अगर सीता सोरेन घर वापसी चाहती हैं तो पार्टी उनका खुले दिल से स्वागत करेगी.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार का सामना

गौरतलब है कि सीता सोरेन पहले झामुमो के टिकट पर कई बार विधायक रह चुकी हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में अंदरूनी विवाद के चलते उन्होंने झामुमो छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद विधानसभा चुनाव में भी जामताड़ा से उम्मीदवार बनीं, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली.

क्या सच में होगी घर वापसी?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सीता सोरेन का यह बयान केवल तारीफ नहीं, बल्कि झामुमो के प्रति फिर से झुकाव का संकेत भी हो सकता है. हालांकि अभी तक उन्होंने खुद झामुमो में वापसी को लेकर कुछ साफ नहीं कहा है. मगर जिस तरह से वे विपक्ष में बैठी सरकार की खुलकर प्रशंसा कर रही हैं, उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है.

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