देवघर जिला प्रशासन ने श्रावणी मेला के आगामी आयोजन के मद्देनजर बाबा मंदिर परिसर और उसके आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से नो-इंट्री जोन घोषित करने की घोषणा की है. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य मेला के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखना है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और ट्रैफिक की समस्याओं से बचा जा सके.
नो-इंट्री जोन की घोषणा:
जिला उपायुक्त विशाल सागर द्वारा जारी सूचना के अनुसार, मेला के दौरान बाबा मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कुल 14 प्रमुख प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. इन क्षेत्रों में सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. प्रशासन द्वारा जारी पास के साथ ही कुछ विशेष वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी.
आपातकालीन सेवाओं के लिए छूट:
आपातकालीन सेवाओं के वाहन जैसे अग्निशामक, तेल टैंकर, पानी टैंकर, एम्बुलेंस और पीसीआर वैन को छोड़कर अन्य सभी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मेला क्षेत्र में ट्रैफिक की भीड़-भाड़ और जाम की समस्याओं को रोका जा सके और श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित रहे.
दंडात्मक कार्रवाई:
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नो-इंट्री जोन के तहत चिह्नित स्थलों के अलावा कहीं भी वाहनों को पार्क करने पर मोटरयान अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि मेला के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो और सार्वजनिक सुरक्षा बनी रहे.
श्रद्धालुओं की सुविधा के उपाय:
मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यात्रियों को निर्धारित किराये की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराने के लिए सभी ऑटो रिक्शा पर किराये की सूची चिपकाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सूचना पट्ट के माध्यम से निर्धारित किराये की सूची प्रदर्शित की जाएगी.
इन प्रमुख स्थलों में शामिल हैं
- चकाई मोड़
- नए निर्धारित स्थल
- जसीडीह रेलवे स्टेशन
- बैद्यनाथधाम रेलवे स्टेशन
- देवघर रेलवे स्टेशन
- बाघमारा बस स्टैंड
- मीना बाजार बस स्टैंड
- खिजुरिया बस स्टैंड
- शिवराम झा चौक
- लक्ष्मीपुर चौक
- टावर चौक
- वीआईपी चौक
- सत्संग चौक
- अन्य प्रमुख चौराहे
प्रशासन की अपील:
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्ग और व्यवस्था का पालन करें ताकि मेला के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो और सभी को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव हो सके. जिला प्रशासन का यह कदम मेला के दौरान भारी भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.