श्रावणी मेला 2024 के दौरान देवघर में बाबा बैद्यनाथ और बासुकिनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए देशभर से कांवरिया आ रहे हैं. इस बार श्रद्धालुओं को एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है – ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जा रहा है. कांवरियों ने इस मुद्दे को लेकर कई शिकायतें दर्ज की हैं.
ऑटो चालकों की मनमानी
श्रावणी मेला में देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों कांवरिया बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकिनाथ धाम पहुंचते हैं. इन श्रद्धालुओं को देवघर और उसके आसपास के क्षेत्रों में परिवहन की जरूरत होती है. हालांकि, इस बार कई कांवरियों ने शिकायत की है कि ऑटो चालक उनसे निर्धारित दर से अधिक किराया वसूल रहे हैं. इससे उनकी यात्रा महंगी और कठिन हो रही है. कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि जहां सामान्य दिनों में 10-15 रुपये का किराया होता है, वहां अब 50-100 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. इससे कांवरियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर, वे श्रद्धालु जो पहले से ही लंबी यात्रा कर थके होते हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी मुश्किल बन जाती है.
प्रशासन की लापरवाही
कांवरियों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन इस समस्या का समाधान करने में असफल साबित हो रहा है. कई श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से इस बारे में शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इसके कारण ऑटो चालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है और वे खुलेआम मनमाना किराया वसूल रहे हैं.
स्थानीय लोगों की मदद
हालांकि, कुछ स्थानीय लोग इस समस्या को समझते हुए कांवरियों की मदद के लिए आगे आए हैं. वे अपनी निजी गाड़ियों से श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचा रहे हैं और उनसे उचित किराया ले रहे हैं. इससे कांवरियों को कुछ राहत मिली है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन का कहना है कि श्रावणी मेला के दौरान भारी भीड़ के कारण परिवहन व्यवस्थाओं में दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने दावा किया कि वे ऑटो चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे और कांवरियों की शिकायतों का समाधान करेंगे. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक किराया वसूलने वाले ऑटो चालकों की जानकारी प्रशासन को दें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.
कांवरियों की अपेक्षाएँ
श्रद्धालु चाहते हैं कि प्रशासन तुरंत इस मुद्दे का समाधान करे ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी धार्मिक यात्रा पूरी कर सकें. कांवरियों ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं.