झारखंड विधानसभा चुनावों के करीब आते हुए, रांची जिला प्रशासन ने चुनावी माहौल को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कुछ असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं. रांची जिला प्रशासन ने भैरव सिंह समेत सात लोगों को जिले से निष्कासित कर दिया है और पांच व्यक्तियों को प्रतिदिन थाने में हाजिरी देने का आदेश जारी किया है. इस कार्रवाई का उद्देश्य चुनावी सुरक्षा सुनिश्चित करना और चुनावी समय में किसी भी प्रकार की अशांति को रोकना है.
जिलाबदर का आदेश और निष्कासन
रांची के जिलाबदार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि भैरव सिंह, बेबासिंह मुंडा, प्रकाश यादव, आनंद वर्मा, सनी सिंह, चंदन सिंह और सरताज अंसारी को 20 दिनों के लिए जिले से निष्कासित कर दिया गया है. इस आदेश के तहत इन सभी लोगों को हर दिन थाने में हाजिरी देने की अनिवार्यता हो गई है. यह कदम चुनावी समय में किसी भी प्रकार की अशांति या अव्यवस्था को रोकने के लिए उठाया गया है.
आदेश का कारण और पृष्ठभूमि
रांची डीसी द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि एसएसपी रांची की रिपोर्ट के अनुसार, डीएसपी कोतवाली रांची ने इन व्यक्तियों के खिलाफ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है. प्रतिवेदन में बताया गया है कि भैरव सिंह एक पेशेवर असामाजिक तत्व हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य लोगों को गुमराह करना, क्षेत्र में अशांति फैलाना और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना है. इन गतिविधियों के चलते ये लोग समाज के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं.
प्रभावित व्यक्तियों की सूची
आदेश में जिन सात व्यक्तियों को जिलाबदर घोषित किया गया है, वे निम्नलिखित हैं:
- भैरव सिंह
- बेबासिंह मुंडा
- प्रकाश यादव
- आनंद वर्मा
- सनी सिंह
- चंदन सिंह
- सरताज अंसारी
इसके अतिरिक्त, पांच अन्य व्यक्तियों को भी हर दिन थाने में हाजिरी देने का आदेश दिया गया है.
- मोबिन अंसारी
- सकलदेव बड़ाइक
- रोहित चौरसिया
- कारो पाहन
- आकाश सिंह उर्फ एलेक्स
प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा उपाय
रांची जिला प्रशासन ने चुनावी समय में किसी भी प्रकार की अशांति को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय किए हैं. थानों में तैनात पुलिस बल को आदेश दिया गया है कि वे इन व्यक्तियों की नियमित निगरानी करें और किसी भी अव्यवस्थित गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें. इसके अलावा, प्रशासन ने चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए अन्य सुरक्षा इंतजामों को भी मजबूत किया है.
चुनावी माहौल पर प्रभाव
जिलाबदर और थाने में हाजिरी का आदेश चुनावी माहौल पर गहरा प्रभाव डाल सकता हह. ऐसे कदम उठाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा, गलतफहमी या अव्यवस्था उत्पन्न न हो. इससे यह भी संकेत मिलता है कि प्रशासन चुनावी समय में कानून व्यवस्था को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए तत्पर है.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस कदम पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आई हैं. भाजपा और विपक्ष दोनों ने इस कार्रवाई की सराहना की है, जबकि कुछ विपक्षी दलों ने इसे चुनावी दबाव बनाने का प्रयास बताते हुए इसे आलोचना का विषय बनाया है. कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने कहा है कि यह कदम चुनावी स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है, जबकि भाजपा ने इसे चुनावी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया है.