झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण और उत्साहवर्धन के लिए एक नई पहल की घोषणा की है. इस पहल के अंतर्गत, 21 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. यह नई योजना अगस्त महीने से शुरू हो रही है.
योजना के मुख्य पहलु
योजना के अंतर्गत, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह निर्णय लिया है कि झारखंड के गरीब और वंचित वर्गों में से आने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से समर्थन प्रदान किया जाए. इसका उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. यह योजना उन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखती है जो आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई हैं और अपने परिवार का पलन-पोषण करने में संकोच करती हैं.
प्रशासनिक व्यवस्था और योजना का लागू होना
यह नई पहल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उन महिलाओं के लिए एक नया द्वार खोलेगी जो अपनी खुद की पहचान बनाने के लिए प्रयासरत हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रशासनिक अधिकारियों को योजना को अगस्त महीने से ही लागू करने का निर्देश दिया है, जिससे इसका लाभ सभी योजनाओं के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे.
जनजातियों और अनुसूचित जातियों के लिए शिक्षा का बढ़ावा
योजना के अंतर्गत, सरकार ने जनजातियों और अनुसूचित जातियों के क्षेत्रों में बच्चों के लिए शिक्षा के माध्यम से सोशल जस्टिस को बढ़ावा देने का भी फैसला किया है. इसके लिए सरकार द्वारा घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है ताकि ये क्षेत्रों के बच्चों को उच्चतम शिक्षा के माध्यम से उनकी पोटेंशियल का विकास किया जा सके.
शिक्षा और संस्कृति के विकास का संकल्प
इसके अलावा, उच्चतम शिक्षा के क्षेत्र में गांवों को विशेष ध्यान देने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है. यहां तक कि अलग-अलग भाषाओं में पढ़ने के लिए विभिन्न उपाय भी किए जा रहे हैं ताकि विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं को समाहित किया जा सके.