धनबाद से विशेष संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों में कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में 450 कोयला कर्मियों की मौत हुई है. इनमें से सबसे अधिक मौतें बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) में हुईं, जहाँ कुल 114 कर्मियों की जान गई. इस जानकारी का खुलासा कोल इंडिया की पहली तिमाही (2024-25) की रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में कुल 43,414 कोयला कर्मी काम कर रहे हैं, जिनमें से 2918 कोयला कर्मियों की मौत विभिन्न कारणों से पिछले कुछ वर्षों में हो चुकी है.
प्रमुख तथ्य:
बीते तीन माह में बीसीसीएल में सबसे अधिक 114 मौतें, कोल इंडिया की पहली तिमाही कोयला रिपोर्ट में खुलासा..
कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में कर्मियों की संख्या में लगातार कमी हो रही है. एक जुलाई 2024 तक कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में कुल कार्यरत कोयला कर्मियों की संख्या 2,25,943 थी. इनमें से सबसे अधिक कर्मी एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) में हैं, जहाँ कुल 63,874 कर्मी कार्यरत हैं. जबकि दूसरी सबसे अधिक संख्या एससीसीएल (सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड) में है, जहाँ कुल 45,194 कर्मी काम कर रहे हैं.
मौत के कारण:
कोल इंडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन 450 मौतों में से अधिकतर प्राकृतिक कारणों से हुई हैं. हालांकि, कुछ कर्मियों की मौत कार्यस्थल पर हुए दुर्घटनाओं के कारण भी हुई है. बीसीसीएल में 114 मौतों में से कुछ दुर्घटनाएं अवैध खनन और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण हुई हैं.
सरकारी प्रतिक्रिया:
कोल इंडिया ने इन मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और सुरक्षा मानकों को और सख्त बनाने का आश्वासन दिया है. कोल इंडिया के चेयरमैन ने कहा, “हम अपने कर्मियों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.“
कर्मचारियों की सुरक्षा:
कोल इंडिया के विभिन्न उपक्रमों में सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जा रहा है. सभी कर्मियों को नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है और कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके अलावा, नई तकनीकों का उपयोग भी किया जा रहा है ताकि खनन कार्यों को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके.
परिवारों को सहायता:
कोल इंडिया ने मृत कर्मियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरी देने का आश्वासन दिया है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम हर संभव सहायता प्रदान करेंगे ताकि इन परिवारों को इस कठिन समय में सहारा मिल सके.“
सामाजिक प्रतिक्रिया:
इन मौतों के बाद स्थानीय समुदायों और श्रमिक संगठनों ने भी अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कोल इंडिया और सरकार से आग्रह किया है कि वे खनन कार्यों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें और कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
भविष्य की योजनाएं:
कोल इंडिया ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है. इसके तहत, सभी उपक्रमों में सुरक्षा निरीक्षण नियमित रूप से किया जाएगा और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में कर्मियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाया जाए और दुर्घटनाओं की संख्या को न्यूनतम किया जाए.