झारखंड में अलकायदा के छह संदिग्धों की सक्रियता का खुलासा हुआ है, जिसके बाद राज्य की एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) ने उनकी तलाश तेज कर दी है. झारखंड एटीएस ने बताया है कि इन संदिग्धों के नाम और पते की जानकारी मिल चुकी है, जिसके आधार पर सत्यापन प्रक्रिया चल रही है. एटीएस का दावा है कि ये संदिग्ध आतंकी संगठन अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) के सदस्य हो सकते हैं, और इनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है.
सूफियान और डॉ. इश्तियाक के संबंधों की जांच
इस संदर्भ में एक प्रमुख मामला फरार आतंकी अबू सूफियान का है, जो वर्ष 2009-10 से अलकायदा से जुड़ा हुआ है. सूफियान के संबंध डॉ. इश्तियाक से बताए जा रहे हैं, जिसे लेकर एटीएस जांच कर रही है. डॉ. इश्तियाक एक रेडियोलॉजिस्ट है, जिसे हाल ही में रांची से गिरफ्तार किया गया था. सूफियान के नाम का जिक्र एक दशक पहले हुआ था और तब से वह फरार है. एटीएस इस बात की जांच कर रही है कि दोनों के बीच किस प्रकार के संबंध थे और क्या ये आतंकी गतिविधियों से जुड़े हुए थे.
गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ
तीन सितंबर को दिल्ली से फील्ड वेरिफिकेशन के लिए चान्हो लाए गए डॉ. इश्तियाक समेत चार अन्य संदिग्धों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं. इन संदिग्धों ने एटीएस को बताया कि रांची के चान्हो, लोहरदगा के कुडू और हजारीबाग के छह अन्य संदिग्ध अलकायदा मॉड्यूल का हिस्सा हैं. यह भी जानकारी मिली है कि इन्हें ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजने की तैयारी थी. एटीएस इस जानकारी के आधार पर अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई है और जांच के दायरे को और भी विस्तारित किया जा रहा है.
एफएसएल जांच और कार्रवाई
जांच के दौरान एटीएस ने कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं, जिनमें लैपटॉप, मोबाइल फोन आदि शामिल हैं. इन सभी वस्तुओं की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) जांच की जा रही है, ताकि और पुख्ता सबूत जुटाए जा सकें. इन उपकरणों से मिली जानकारी के आधार पर गिरफ्तार संदिग्धों से क्रॉस इंक्वायरी की जाएगी. एटीएस अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे सूचनाएं मिल रही हैं, जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.
फरार संदिग्धों की तलाश
एटीएस ने फरार संदिग्धों की पहचान कर ली है और उनके नाम-पते का सत्यापन भी किया जा रहा है. इन संदिग्धों को पकड़ने के लिए एटीएस ने अपने नेटवर्क को मजबूत किया है और उनके ठिकानों की जांच शुरू कर दी है. एटीएस का मानना है कि ये संदिग्ध किसी बड़े आतंकी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकते हैं, इसलिए इनकी गिरफ्तारी अत्यधिक जरूरी है.
अलकायदा के बढ़ते खतरे
झारखंड में अलकायदा के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) एक खतरनाक आतंकी संगठन है, जो भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने का प्रयास कर रहा है. इस संगठन की जड़ें पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हैं, लेकिन यह भारतीय उपमहाद्वीप में भी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है. झारखंड में अलकायदा के मॉड्यूल का सक्रिय होना, राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है. एटीएस ने इस मामले में स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है. गिरफ्तारी और सबूत जुटाने की प्रक्रिया लगातार जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही फरार संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा सकेगा.