नेशनलग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सारंडा अभयारण्य को लेकर झारखंड और केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है|एनजीटी ने इस रिपोर्ट में राज्य व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि पश्चिम सिंहभूम स्थित सारंडा अभयारण्य को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित क्यों नहीं किया गया है|
जस्टिस एसपी वांगड़ी और विशेषज्ञ सदस्य नगिन नंदा की पीठ ने इस संबंध में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, राज्य सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी कर अगले छह हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है| एनजीटी ने साफ किया किआवेदन में दिये गये तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर तथा आवेदक के वकील की दलीलों को सुनने के बाद एनजीटी ये मानता है कि इस मामले में पर्यावरण संबंधी सवाल उठते हैं|
पीठ ने कहा किप्रतिवादी आवेदन में जो सवाल उठाये गये हैं उन सभी का जवाब देते हुए एक रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम एक हफ्ता पहले पेश करें|ट्रिब्यूनल, कार्यकर्ता आरके सिंह की ओर से इस संबंध में दायर याचिका की सुनवाई कर रहा था|आवेदन में कहा गया है कि झारखंड सरकार और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पर्यावरण के लिहाज से सारंडा अभयारण्य को संवेदनशील क्षेत्र घोषित नहीं किया है|
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एनजीटी ने झारखंड सरकार पर 130करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है|ये जुर्माना झारखंड में पर्यावरण स्वीकृति के बिना झारखंड हाइकोर्ट, विधानसभा एवं अन्य भवनों के निर्माण के लिए लगाया गया है|इसे लेकर राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो चुका है|