बालू संकट से कई योजनाओं में बाधा, पीएम- अबुआ आवास योजना के 2000 घरों का रुका निर्माण…..

राज्यभर में बालू की कमी ने विकास कार्यों को ठप कर दिया है, जिससे रांची की स्थिति सबसे खराब हो गई है. यहां आधारभूत संरचना का निर्माण ठप पड़ गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास योजना, सड़क, नाली, पुल-पुलिया सहित अन्य कार्य अधूरे पड़े हैं. 2000 से अधिक घरों का निर्माण बालू की कमी के कारण रुक गया है. सरकारी योजनाओं की गति भी बालू की अनुपलब्धता की वजह से धीमी हो गई है. आम लोग भी अपने घरों का निर्माण नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि बिचौलिए बालू की ऊंची कीमत वसूल रहे हैं. शनिवार को एटीआई सभागार में आयोजित डिस्ट्रिक डेवलपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (दिशा) की बैठक में पदाधिकारियों ने इन समस्याओं का खुलासा किया. अधिकारियों ने एक-एक कर विकास कार्यों में आ रही परेशानियों का जिक्र किया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार कह रही है कि बालू उपलब्ध है और मुफ्त में बालू देने का दावा भी किया जा रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि बालू की कमी के कारण विकास योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कागजों पर विकास दिखाने के बजाय वास्तविक समस्याओं का समाधान करें, ताकि आधारभूत संरचना को बेहतर बनाया जा सके.

बालू की किल्लत से प्रभावित हो रही योजनाएं

विधायक सीपी सिंह ने भी बैठक में कहा कि बालू की कमी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. निर्माण से जुड़ी सामग्री की कीमत गिर गई है. परियोजनाओं के लिए फंड उपलब्ध हैं, लेकिन बालू की कमी के कारण काम नहीं हो रहा है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्होंने जोर देकर कहा कि बालू की किल्लत को हर हाल में दूर किया जाए. बैठक में कई योजनाओं को लेकर किए गए कागजी दावों पर अधिकारियों को फटकार भी लगी. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि बालू की किल्लत सहित अन्य समस्याओं को दूर करके कार्यों में तेजी लाई जाएगी. मौके पर दिशा के सदस्य ओमप्रकाश सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

मईयां सम्मान योजना में अड़चनें, 1.67 लाख आवेदन लंबित

रांची जिले में महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपए की सम्मान राशि देने के लिए शुरू की गई मईयां सम्मान योजना में भी कई अड़चनें आ रही हैं. इस योजना के तहत लाभुकों का नाम राशन कार्ड में दर्ज होना आवश्यक है. योजना की घोषणा के बाद से ही राशन कार्ड में नए सदस्यों के नाम जोड़ने की मांग तेजी से बढ़ गई है. रांची जिले में अभी तक 1.67 लाख आवेदन नए नाम जोड़ने के लिए प्राप्त हुए हैं, लेकिन इस काम में भी रुकावटें आ रही हैं. नए राशन कार्ड बनाने का काम भी ठप हो गया है क्योंकि हरा राशन कार्ड बनाने की स्वीकृति अभी नहीं मिली है. रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि अगर वैकेंसी ही नहीं है, तो आवेदन क्यों जमा कराए गए. इतने बड़े पैमाने पर आवेदन लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इस मामले में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि आम लोग कार्यालयों और बिचौलियों के चक्कर लगाने से बच सकें.

नल से जल योजना में भी आई दिक्कतें

रांची शहरी क्षेत्र में हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना भी बाधित हो गई है. जुडको द्वारा घरों में पानी का कनेक्शन दे दिया गया है, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. प्रतिनिधियों ने बताया कि नगर निगम ने पानी का शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है, लेकिन पानी नहीं मिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि राइजिंग पाइपलाइन नहीं जुड़ने से पानी की आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है. एनएचएआई से इसके लिए एनओसी नहीं मिल रही है, जिससे योजना अधर में लटकी हुई है.

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