यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच झारखंड के लिए फिलहाल राहत भरी खबर आई है। यूक्रेन में रहकर पढ़ाई करने वाला पलामू का छात्र सुरक्षित अपने घर वापस लौट आया है। पलामू के मोहम्मदगंज के रहने वाले महिपाल प्रसाद का इकलौता बेटा शुभम् यूक्रेन की राजधानी कीव के तराशसीचेन्को नेशनल यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स इन इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से ठीक पहले वह स्वदेश लौट आया है। गत 21 फरवरी को उसने यूक्रेन छोड़ दिया। इस्तांबुल, दुबई के रास्ते वह नई दिल्ली पहुंचा। इसके बाद वह 24 फरवरी को झारखंड आ गया।
यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू होने से ठीक पहले शुभम के सकुशल घर वापसी पर पिता महिपाल प्रसाद, माता सीता देवी, इकलौती बहन साक्षी समेत पूरे परिवार ने राहत की सांस ली है। सभी के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। शुभम् ने बताया कि वह 18 माह का कोर्स करने यूक्रेन गया था। कोर्स पूरा होने में छह माह अवधि बची थी। इससे पहले ही हालात बदल गए। युवक ने बताया कि यूक्रेन में एक माह पहले से रूसी हमले को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। ऐसा होगा यह नहीं लग रहा था। इसी बीच जब हमला शुरू होने की खबरें आने लगी, तो उन्होंने वापसी की तैयारी की। पिता को कॉल किया। परिवार ने पैसे का इंतजाम कर भेजा। इसके बाद वह सकुशल घर लौटा।
कई दोस्त अब भी फंसे..
शुभम् ने बताया कि उनके घर पहुंचते ही जब युद्ध शुरू हो गया। उन्होंने छात्रावास में रहने वाले अपने कई दोस्तों से संपर्क किया। जिन्होंने बताया कि वह अपने को बंकर में सुरक्षित रखे हुए हैं। सबको अपने घर-परिवार में लौटने की जल्दी है। शुभम् के अनुसार उनके छात्रावास के 30-40 साथियों सहित भारत के हजारों लोग और विशेष रूप से छात्र वहां फंसे हैं। युद्ध को लेकर आपातकालीन सायरन बजते ही इन लोगों को बंकरों में सुरक्षित रखा गया है। बताया कि जैसा साथियों से जानकारी मिल रही है रूसी हमले से अभी तक बॉर्डर और आसपास के इलाके प्रभावित हैं। शहरों तक इसकी आंच नहीं पहुंची है। जैसी की उन्हें जानकारी है अब तक भारत सरकार का कोई विमान विद्यार्थियों को लेने नहीं पहुंचा है। युद्ध के हालात में सभी एयरपोर्ट बंद हैं।